दुमकाः जिला का बासुकीनाथ धाम, जहां देश के साथ-साथ राज्य के कोने-कोने से लोग आकर अपनी मन्नत मांगते हैं. इसके साथ बाबा भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त होने के बाद वे अपनी स्वेच्छा से मवेशियों (बछड़े) का दान करते हैं. अब इन मवेशियों की जान पर आफत बनी हुई है, वहीं मंदिर परिसर में भटक रहे पशु आम लोगों और किसानों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं.
बासुकीनाथ धाम में गौशाला नहीं रहने के कारण श्रद्धालुओं द्वारा मंदिर को दान में दिये मवेशी आवारा कुत्तों के शिकार हो रहे हैं. लोगों ने बताया कि श्रद्धालु बाबा भोलेनाथ से मन्नत मांगते हैं और आशीर्वाद प्राप्त होने के बाद वे गोवंश यानी गाय बछड़ा को बासुकीनाथ आकर मंदिर को दान स्वरूप देते हैं. इनके रख-रखाव की व्यवस्था न होने के कारण दान में दिए मवेशियों से स्थानीय दुकानदार सहित किसान भी परेशान रहते हैं. इसको लेकर लोगों ने कई बार प्रशासन और मंत्री बादल पत्रलेख से भी मांग की लेकिन पहल नहीं पर लोगों में आक्रोश है.
क्यों हो रही गौशाला की मांग
बासुकीनाथ धाम में पशुओं की दान करने की परंपरा है. ऐसे में भक्त गोवंश का दान करके पुण्य के भागी बनते हैं लेकिन उसका नुकसान बासुकीनाथ की जनता को झेलना पड़ता है. इन मवेशियों के लिए गौशाला नहीं होने के कारण ये आसपास के गांव में फसल को नुकसान पहुंचते हैं. सूत्रों के अनुसार रात के अंधेरे में आवारा घूम रहे पशुओं की भी तस्करी की सूचना मिलती रहती है. इतना ही नहीं बासुकीनाथ मंदिर के आसपास मवेशी जब रात में आराम करते हैं तभी आवारा कुत्ते के लगातार उनपर हमला कर देते हैं. ताजा मामला कुछ दिन पूर्व का है जब एक मवेशी को आवारा कुत्ते अपना शिकार बनाया.