गोरखपुर : पुलिस भर्ती एवं पदोन्नति परीक्षा में साॅल्वर को सीट तक पहुंचाने में मददगार बनने वाले आरोपी को एसटीएफ ने गोरखपुर से गिरफ्तार कर लिया है. बुधवार की रात एसटीएफ ने आरोपी आकाश राव को गोरखनाथ थाना क्षेत्र के धर्मशाला पुल के पास से गिरफ्तार किया है.
बायोमेट्रिक कंपनी का मैनेजर है आकाश राव :गोरखपुर यूनिट के एसटीएफ प्रभारी निरीक्षक सत्य प्रकाश सिंह के मुताबिक, मूलरूप से आकाश राव जिले के एम्स थाना क्षेत्र का रहने वाला है और एक बायोमेट्रिक कंपनी का मैनेजर है. पुलिस भर्ती में गोरखपुर के कई केंद्रों से हुई गिरफ्तारी और धांधली के बाद से ही इसके बारे में जानकारी एसटीएफ को थी. इसकी गिरफ्तारी का एसटीएफ लंबे समय से प्रयास कर रही थी और आखिरकार मंगलवार की रात आरोपी एसटीएफ के शिकंजे में फंस गया. आरोपी आकाश राव एक अभ्यर्थी को सीट तक पहुंचाने और पास होने पर 5 से 10 लाख रुपये लेता था. गोरखपुर में इसकी सहायता से दुर्गेश यादव नामक एक अभ्यर्थी दिग्विजय नाथ डिग्री कॉलेज गेट पर पहुंचाया जा रहा था कि वह पकड़ लिया गया. तभी से इस मामले के आरोपी और मास्टरमाइंड आकाश राव को एसटीएफ ढूंढ रही थी. एसटीएफ ने आकाश को कोतवाली थाना में दाखिल कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल गुरुवार को भेज दिया गया.
अभ्यर्थी के पास से मिला था बायोमेट्रिक कंपनी का आई कार्ड :उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की ओर से वर्ष 2024 में आयोजित पुलिस आरक्षित नागरिक 2023 की, सीधी भर्ती की ऑफलाइन लिखित परीक्षा में अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर पर्चा आउट कराने वालों पर पहले से ही मुकदमा दर्ज है. वहीं, गोरखपुर में परीक्षा के दौरान 17 फरवरी 2024 को इस्लामिया कॉलेज ऑफ कॉमर्स, बक्शीपुर में जब मूल अभ्यर्थी के स्थान पर परीक्षा दे रहा साल्वर अंजनी कुमार उर्फ मनीष सिंह पकड़ा गया और दिग्विजयनाथ कॉलेज पर दुर्गेश यादव पकड़ में आया तो उसके पास बायोमेट्रिक कंपनी का आई कार्ड मिला. जिसके आधार पर जब उससे पूछताछ की गई तब उसने आकाश राव का नाम लिया था. पुलिस तभी से आकाश को गिरफ्तार करने में जुटी हुई थी. पुलिस आकाश के घर पहुंची लेकिन, वह नहीं मिला. इसके बाद आकाश की गिरफ्तारी के लिए पुलिस के साथ एसटीएफ को भी लगाया गया था, जिसे आखिरकार सफलता मिली.