जौनपुर : सुल्तानपुर में मंगेश यादव केएनकाउंटर पर परिजनों ने सवाल खड़े किए हैं. परिजनों का कहना है कि पुलिस मंगेश को सोमवार की देर रात घर से उठाकर ले गई थी. पूछने पर बोला था कि पूछताछ के लिए ले जा रहे हैं. एक-दो दिन में छोड़ देंगे. इसके बाद उसे गाली मार दी. साजिश के तहत ऐसा किया गया. यह एनकाउंटर फर्जी है. इसकी जांच होनी चाहिए. वहीं सपा के प्रतिनिधिमंडल ने भी गांव में पहुंचकर परिजनों को सांत्वना दी. सपा मुखिया अखिलेश यादव पहले ही इस एनकाउंटर की सत्यता पर शक जाहिर कर चुके हैं.
मंगेश यादव के एनकाउंटर के बाद बक्सा इलाके के अग्रहरा गांव में परिवार गमगीन हैं. परिवार के लोग पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे हैं. पिता राकेश यादव ने बताया कि बेटी से मुझे जानकारी मिली. पुलिस वाले घर पर आते-जाते रहते थे. पत्नी ने बताया कि मंगेश को पुलिस चौकी में बंद किए हैं. दो दिन पुलिस ने उसे कस्टडी में रखा. इस दौरान घर से कोई भी वहां नहीं गया. घर पर कोई होता तो जाता. घर में केवल बेटी और पत्नी ही थे. पुलिस ने फ्री पाकर बेटे को मार दिया.
पिता ने बताया कि पता चला तो मैं गुजरात से भागकर घर पहुंचा. बेटा सालभर से बिंदास हमारे साथ कंडक्टरी कर रहा था. 3 से 4 महीने से वह घर पर रुक गया था. और कोई मामला नहीं था. अभी कुछ दिन पहले बेटा पैसा लेकर स्कूल में बेटी का नाम लिखाने गया था. मैंने बेटे से कहा कि अपना भी नाम लिखा लो तो वह कहने लगा कि मैं पढ़ूंगा नहीं, मैं गाड़ी चलाऊंगा.
बहन प्रिंसी यादव ने बताया कि भैया पापा के साथ रहते थे. वह पंजाब में रहते थे. पापा वहां ट्रक चलाते है. सोमवार की रात 2 बजे 6 से 7 पुलिसवाले घर पहुंचे थे. वे जबरन भैया को ले गए. पूछने पर कहने लगे कि पूछताछ के बाद छोड़ देंगे. इसके अलावा पुलिस वालों ने कुछ नहीं कहा. भैया पर पहले कोई इनाम घोषित नहीं था.