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अजमेर दरगाह विवाद : अंजुमन कमेटी ने कहा- शान-ओ-शौकत से मनाया जाएगा उर्स - AJMER DARGAH CONTROVERSY

अजमेर दरगाह मामले में खादिमों की संस्था अंजुमन कमेटी के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने बयान दिया कि अजमेर दरगाह में सब कुछ ठीक है.

Ajmer Dargah Controversy
दरगाह मामले में सैयद सरवर चिश्ती का बयान (ETV Bharat Ajmer)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 9, 2024, 4:31 PM IST

अजमेर : विश्व विख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के विवाद प्रकरण के बाद से सोशल मीडिया पर कई तरह की अफवाहें गर्म हैं. इसका असर आगामी उर्स मेले में जायरीन की आवक पर न पड़े, इसलिए दरगाह में खादिमों की संस्था अंजुमन कमेटी के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने बयान जारी किया है. चिश्ती ने सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों पर विराम लगाते हुए कहा कि अजमेर दरगाह में सब कुछ ठीक है और यहां हर साल की तरह इस बार भी शान-ओ-शौकत के साथ ख्वाजा गरीब नवाज का उर्स मनाया जाएगा.

अंजुमन कमेटी के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने कहा कि "सोशल मीडिया पर अजमेर शरीफ को लेकर अफवाहें चल रही हैं कि ढाई दिन के झोपड़े में सर्वे चल रहा है. दूसरी अफवाह है कि अजमेर में दुकानों को आग लगा दी गई है, जबकि यह मामला एमपी का है. उर्स से पहले ढाई दिन का झोपड़ा, दरगाह परिसर में सुरक्षा के मद्देनजर सुरक्षा एजेंसियां जांच करती हैं. अशांति जैसा यहां कुछ नहीं हुआ है. 2 जनवरी से अजमेर में 813वां उर्स शुरू होने जा रहा है. इस बार भी उसी शान-ओ-शौकत से उर्स मनाया जाएगा जैसे हमेशा से मनाया जाता है. यह सिर्फ भ्रम फैलाया जा रहा है कि ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में सर्वे किया जा रहा है."

दरगाह मामले में सैयद सरवर चिश्ती का बयान (ETV Bharat Ajmer)

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सैयद सरवर चिश्ती ने कहा कि 28 दिसंबर को हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने प्रकरण में भारतीय पुरातत्व विभाग को पक्षकार बनाया है, जिसका कोई लेना-देना नहीं है. साथ ही दरगाह कमेटी और केंद्रीय अल्पसंख्यक विभाग को भी पक्षकार बनाते हुए नोटिस भेजे हैं. चिश्ती ने आरोप लगाया कि विष्णु गुप्ता अपराधिक प्रवृत्ति का है और उसके खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं.

जमात ए अंजुमन भी बनेगी पक्षकार :सरवर चिश्ती ने कहा कि 800 सालों से खादिम दरगाह में सेवा दे रहे हैं. आस्ताने की चाबियां उनके पास हैं. खादिम ही आस्ताने में खिदमत करते हैं और रस्में निभाते हैं. साथ ही अजमेर आने वाले जायरीन को जियारत भी करवाते हैं. प्रकरण में खादिमों को पक्षकार नहीं बनाया गया है और न ही नोटिस भेजे गए हैं. ऐसे में जमात अंजुमन भी प्रकरण में पक्षकार बनेगी. चिश्ती ने कहा कि अजमेर शरीफ को लेकर सोशल मीडिया पर केवल अफवाहें हैं. यहां ऐसा कुछ भी नहीं है. दरगाह में सभी धर्म के लोग आते हैं.

चिश्ती ने कहा कि ऐसा हो सकता है कि यहां सर्वे की इजाजत दे दी जाए और मीडिया को पता न चले ताकि हिंदुस्तान में इस बात को लेकर उधम न हो. ख्वाजा गरीब नवाज में करोड़ों लोगों की आस्था है. सोशल मीडिया पर अजमेर शरीफ को लेकर केवल अफवाह और भ्रम है. आप उर्स में दरगाह आएं, यहां अमन-शांति के साथ सबका स्वागत है.

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