झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों और आतिशबाजी के साथ राजकीय जनजातीय हिजला मेला का समापन, बड़ी संख्या में लोगों ने उठाया मेले का लुत्फ - Hijla mela 2024

State Tribal Hijla Mela Mahotsav 2024. दुमका में आयोजित राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव-2024 का रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों एवं आतिशबाजी के साथ समापन हो गया. समापन समारोह के दौरान बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे. सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए आदिवासियों की लोक कला और संस्कृति को प्रस्तुत किया गया.

State Tribal Hijla Mela Mahotsav
State Tribal Hijla Mela Mahotsav

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 24, 2024, 7:04 AM IST

राजकीय जनजातीय हिजला मेला संपन्न

दुमका : 16 फरवरी से शुरू हुआ राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव शुक्रवार को समाप्त हो गया. मेला के समापन समारोह के अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये. वहीं आकर्षक आतिशबाजी भी की गई, जिसने लोगों का मन मोह लिया.

लाखों लोगों ने उठाया मेले का लुत्फ

आपको बता दें कि ब्रिटिश शासनकाल के दौरान 1890 ई. से ही दुमका में राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव का आयोजन होता आ रहा है. इस वर्ष मेले का 134वां वर्ष था. यह मेला पूरे संथालपरगना क्षेत्र के लोगों के लिए एक उत्सव की तरह है. इस साल भी बड़ी संख्या में लोगों ने इस मेले का लुत्फ उठाया. समापन समारोह में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय जरमुंडी, जामा, मसलिया, काठीकुंड की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये. सांस्कृतिक समिति सरायकेला द्वारा पाइका नृत्य प्रस्तुत किया गया. आदिवासियों की लोक कला से जुड़े इन नृत्यों ने दर्शकों का मन मोह लिया और इन्हें देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. समापन समारोह में हिजला मेले से संबंधित स्मारिका का भी विमोचन किया गया.

'जनसहयोग से सफल हुआ मेला'

लोगों को संबोधित करते हुए दुमका अनुमंडल पदाधिकारी कौशल कुमार ने कहा कि राजकीय हिजला मेला में संथालपरगना प्रमंडल की संस्कृति की झलक देखने को मिलती है. उन्होंने कहा कि इस मेले की प्रसिद्धि देश-विदेश तक पहुंचे, इसके लिए आने वाले वर्षों में इसे और भी भव्य पैमाने पर आयोजित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अगले वर्ष यह मेला एक नई ऊर्जा के साथ और भी भव्य तरीके से आयोजित किया जाएगा.

इस दौरान जिले के उप विकास आयुक्त अभिजीत सिन्हा ने समापन समारोह के मौके पर कहा कि राजकीय जनजातीय हिजला मेला के सफल आयोजन में जन सहयोग की भूमिका अहम है. हिजला मेला यहां की संस्कृति का परिचायक है. यह मेला यहां की संस्कृति की आत्मा को संरक्षित करने का काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि जिस सोच के साथ 1890 में इस मेले की शुरुआत की गयी थी, उसे आज तक कायम रखा गया है. यह मेला यहां की आदिवासी जीवनशैली और संस्कृति को प्रस्तुत करता है. उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में इस मेले का आयोजन और भी भव्यता से किया जायेगा.

यह भी पढ़ें:दुमका में राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव की शुरुआत, एक सप्ताह तक पूरे प्रमंडल से जुटेंगे लोग

यह भी पढ़ें:Tribal Fair Hijla: राजकीय जनजातीय हिजला मेला महोत्सव का समापन, कलाकारों ने बांधा समां, झूमने लगे नेता और अधिकारी

यह भी पढ़ें:Hijla Mela 2023: दुमका में राजकीय जनजातीय हिजला मेला 2023, सन 1890 से हो रहा है आयोजन

ABOUT THE AUTHOR

...view details