जयपुर. बदलती तकनीक और लोगों के रुझान के साथ साइबर अपराधी हर दिन ठगी करने की तरकीब बदल रहे हैं. रिफंड का झांसा, ओटीपी पूछकर ठगी करने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. इस बीच अब साइबर अपराधी गृह क्लेश शांत करवाने और भविष्य बताने के नाम पर भी ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. इसके साथ ही डिजिटल अरेस्ट के बहाने भी साइबर ठगी हो रही है. पुलिस मुख्यालय ने साइबर अपराधियों के खिलाफ ऑपरेशन साइबर शील्ड शुरू किया तो ऐसे कई चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं. डीजी (साइबर क्राइम) हेमंत प्रियदर्शी ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में बताया कि पुलिस ने साइबर अपराध को काबू करने के लिए ऑपरेशन साइबर शील्ड शुरू किया है. जिसके तहत साइबर अपराधियों की धरपकड़ की जा रही है. ज्यादातर मामलों में लोग लालच में आकार ठगे जा रहे हैं. इसलिए किसी पर भी भरोसा करने से पहले पूरी तरह जांच-पड़ताल करना जरूरी है.
प्रदेश के हर जिले में सक्रिय हैं साइबर अपराधी :उन्होंने बताया कि साइबर अपराध के बारे में तमाम जानकारी जुटाई तो सामने आया कि प्रदेश के हर जिले में बैठे साइबर अपराधी ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. हालांकि, डीग, अलवर और खैरथल-तिजारा हॉट स्पॉट हैं. लेकिन कमोबेश हर जिले में साइबर अपराधियों ने अपने ठिकाने बना रखे हैं. सघन अभियान के तौर पर ऑपरेशन साइबर शील्ड शुरू किया गया है. इससे पहले जिलों से साइबर क्राइम प्रभारियों को अभियान के बारे में पूरी जानकारी और प्रशिक्षण दिया गया. इस अभियान में सात बिंदुओं पर काम किया जा रहा है. जिलों के एसपी और रेंज आईजी को भी खास दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं.
सिनेमाघरों में वीडियो दिखाकर कर रहे जागरूक : उन्होंने बताया कि साइबर ठगी के जो भी नए तरीके ध्यान में आते हैं. उसे लेकर विशेष रूप से हम लोगों से जानकारी और बचाव के तरीके शेयर करते हैं. ताकि लोग झांसे में नहीं आएं. इसके अलावा कुछ वीडियो बनाकर जिलों में शेयर किए गए. सिनेमाघरों में ब्रेक के दौरान ये वीडियो दिखाए जा रहे हैं. पुलिस के सोशल मीडिया हैंडल्स पर भी ऐसे वीडियो साझा किए जा रहे हैं. ताकि लोग ठगी के तौर-तरीकों और उनसे बचने के तरीके जान पाएं. उन्होंने कहा कि जागरूकता अभियान का असर भी दिखने लगा है. पहले लोग आंख मूंदकर भरोसा कर लेते थे कि डिजिटल अरेस्ट हो रहा है. अब लोग रुकते हैं. पूछते हैं. कहीं वैरिफाई भी करते हैं. जागरूकता अभियान का फर्क तो पड़ा है.
किसी भी तरह का लालच पड़ सकता है भारी : उन्होंने बताया, हर अपराधी का ठगी करने का तरीका अलग है. अलग-अलग जिलों में भी ठगी का अलग-अलग ट्रेंड देखा जा रहा है. जालौर में गृह क्लेश शांत करवाने के नाम पर ठगी की वारदातों को अंजाम दिया गया. ई-मित्र सेवाओं के नाम पर, रिफंड दिलवाने का झांसा देकर, इन्वेस्टमेंट और रकम दोगुनी करने के बहाने भी साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है. सबका निचोड़ यही है कि किसी भी तरह के लालच में पड़े तो मेहनत की कमाई गंवा देंगे. अंधभक्ति की तो ठगे जाएंगे. पूरी जांच-पड़ताल के बाद ही अपनी मेहनत की कमाई कहीं खर्च करें. साइबर ठगी से बचने का यह मूल मंत्र है.