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ऑपरेशन साइबर शील्ड: गृह क्लेश शांत करवाने व भविष्य बताने के नाम पर भी ठगी कर रहे साइबर अपराधी - CYBER FRAUD

राजस्थान में साइबर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए पुलिस चला रही है ऑपरेशन साइबर शील्ड अभियान.

हेमंत प्रियदर्शी से खास बातचीत
हेमंत प्रियदर्शी से खास बातचीत (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 16, 2025, 2:01 PM IST

जयपुर. बदलती तकनीक और लोगों के रुझान के साथ साइबर अपराधी हर दिन ठगी करने की तरकीब बदल रहे हैं. रिफंड का झांसा, ओटीपी पूछकर ठगी करने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. इस बीच अब साइबर अपराधी गृह क्लेश शांत करवाने और भविष्य बताने के नाम पर भी ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. इसके साथ ही डिजिटल अरेस्ट के बहाने भी साइबर ठगी हो रही है. पुलिस मुख्यालय ने साइबर अपराधियों के खिलाफ ऑपरेशन साइबर शील्ड शुरू किया तो ऐसे कई चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं. डीजी (साइबर क्राइम) हेमंत प्रियदर्शी ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में बताया कि पुलिस ने साइबर अपराध को काबू करने के लिए ऑपरेशन साइबर शील्ड शुरू किया है. जिसके तहत साइबर अपराधियों की धरपकड़ की जा रही है. ज्यादातर मामलों में लोग लालच में आकार ठगे जा रहे हैं. इसलिए किसी पर भी भरोसा करने से पहले पूरी तरह जांच-पड़ताल करना जरूरी है.

प्रदेश के हर जिले में सक्रिय हैं साइबर अपराधी :उन्होंने बताया कि साइबर अपराध के बारे में तमाम जानकारी जुटाई तो सामने आया कि प्रदेश के हर जिले में बैठे साइबर अपराधी ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. हालांकि, डीग, अलवर और खैरथल-तिजारा हॉट स्पॉट हैं. लेकिन कमोबेश हर जिले में साइबर अपराधियों ने अपने ठिकाने बना रखे हैं. सघन अभियान के तौर पर ऑपरेशन साइबर शील्ड शुरू किया गया है. इससे पहले जिलों से साइबर क्राइम प्रभारियों को अभियान के बारे में पूरी जानकारी और प्रशिक्षण दिया गया. इस अभियान में सात बिंदुओं पर काम किया जा रहा है. जिलों के एसपी और रेंज आईजी को भी खास दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं.

डीजी (साइबर क्राइम) हेमंत प्रियदर्शी से खास बातचीत (वीडियो ईटीवी भारत जयपुर)

पढ़ें: जयपुर पुलिस कमिश्नरेट ने पेश की रिपोर्ट: साइबर अपराध और सड़क हादसे बढ़े, चोरी व लूट के मामले घटे

सिनेमाघरों में वीडियो दिखाकर कर रहे जागरूक : उन्होंने बताया कि साइबर ठगी के जो भी नए तरीके ध्यान में आते हैं. उसे लेकर विशेष रूप से हम लोगों से जानकारी और बचाव के तरीके शेयर करते हैं. ताकि लोग झांसे में नहीं आएं. इसके अलावा कुछ वीडियो बनाकर जिलों में शेयर किए गए. सिनेमाघरों में ब्रेक के दौरान ये वीडियो दिखाए जा रहे हैं. पुलिस के सोशल मीडिया हैंडल्स पर भी ऐसे वीडियो साझा किए जा रहे हैं. ताकि लोग ठगी के तौर-तरीकों और उनसे बचने के तरीके जान पाएं. उन्होंने कहा कि जागरूकता अभियान का असर भी दिखने लगा है. पहले लोग आंख मूंदकर भरोसा कर लेते थे कि डिजिटल अरेस्ट हो रहा है. अब लोग रुकते हैं. पूछते हैं. कहीं वैरिफाई भी करते हैं. जागरूकता अभियान का फर्क तो पड़ा है.

किसी भी तरह का लालच पड़ सकता है भारी : उन्होंने बताया, हर अपराधी का ठगी करने का तरीका अलग है. अलग-अलग जिलों में भी ठगी का अलग-अलग ट्रेंड देखा जा रहा है. जालौर में गृह क्लेश शांत करवाने के नाम पर ठगी की वारदातों को अंजाम दिया गया. ई-मित्र सेवाओं के नाम पर, रिफंड दिलवाने का झांसा देकर, इन्वेस्टमेंट और रकम दोगुनी करने के बहाने भी साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है. सबका निचोड़ यही है कि किसी भी तरह के लालच में पड़े तो मेहनत की कमाई गंवा देंगे. अंधभक्ति की तो ठगे जाएंगे. पूरी जांच-पड़ताल के बाद ही अपनी मेहनत की कमाई कहीं खर्च करें. साइबर ठगी से बचने का यह मूल मंत्र है.

ठगी का शिकार होने पर चुप न बैठे, शिकायत करें : डीजी हेमंत प्रियदर्शी का कहना है कि अगर ठगी का शिकार हो जाएं तो घबराएं नहीं. पूरी जानकारी और सबूतों के साथ साइबर क्राइम पोर्टल, साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज करवाएं. निकटतम पुलिस थाने में जाकर पूरी जानकारी दें और शिकायत दर्ज करवाएं. जितनी जल्दी शिकायत दर्ज होगी. ठगी की रकम को फ्रीज करवाना आसन होगा. जिससे पीड़ितों की मेहनत की कमाई साइबर अपराधियों के हाथ में जाने से बच जाएगी.

दक्षता बढ़ाने पर जोर, बनाए जा रहे साइबर कमांडो :उनका कहना है कि साइबर तकनीक के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत पुलिस की दक्षता बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है. राजस्थान पुलिस अकादमी में पुलिस कर्मियों को साइबर अपराध के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की ट्रेनिंग दी जा रही है. भारत सरकार साइबर कमांडो तैयार कर रही है. जिनके प्रशिक्षण के लिए पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय और इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रशिक्षण के लिए भेजा जा रहा है. पिछले सप्ताह करीब 300 लोगों का टेस्ट करवाया गया था. टेस्ट में पास होने के बाद अधिकारियों-जवानों को साइबर कमांडो की छह महीने की ट्रेनिंग पर भेजा जाएगा.

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राजस्थान पुलिस का ऑपरेशन साइबर शील्ड :-

  • 20.31 करोड़ से ज्यादा की ठगी के 3,801 शिकायतों में से 377 का निस्तारण, 11 मुकदमें दर्ज
  • पुलिस ने ठगी के 5,03,89, 601 रुपए करवाए होल्ड, 1.66 करोड़ रुपए परिवादियों को वापस दिलवाए.
  • साइबर अपराध में काम में लिए जा रहे 4,834 मोबाइल हैंडसेट और 7,339 मोबाइल सिम करवाई ब्लॉक.
  • 2,786 मोबाइल चोरी और गुमशुदगी के मामले आए सामने, इनमें से 1,242 बरामद, 930 मोबाइल पीड़ितों को लौटाए.
  • साइबर पोर्टल से 1,935 साइबर अपराधियों को किया गया चिह्नित, 156 को दबोचा, 73 के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई.
  • 12 लैपटॉप, 200 मोबाइल, 136 सिम, 224 एटीएम कार्ड, 44 पासबुक, 13 चेकबुक, 10 सेविंग अकाउंट किट बरामद.
  • तीन फर्जी स्टाम्प, एक वाहन, 25 कंप्यूटर, 6 नेटवर्क राउटर, एक टैबलेट और 1.76 लाख की नकदी भी जब्त.

(सभी आंकड़े 2 जनवरी से 12 जनवरी 2025 तक के हैं.)

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