शिमला/मुरादाबाद:हिमाचल प्रदेश में इन दिनों बद्दी की एसपी इल्मा अफरोज के छुट्टी पर जाने का मामला गर्माया हुआ है. एसपी बद्दी बीते 7 नवंबर को अपने सरकारी आवास को छोड़कर अपने घर उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के लिए निकली थीं. एसपी को छुट्टी पर गए हुए 3 हफ्ते से अधिक का समय हो चुका है. इस दौरान एसपी कुल 2 बार अपनी छुट्टी को बढ़ा चुकी हैं. वर्तमान में उन्होंने 5 दिसंबर तक अपनी छुट्टी बढ़ाई है. आईपीएस इल्मा अफरोज छुट्टी पर क्यों गईं, इसको लेकर सोशल मीडिया से लेकर सियासी गलियारों और मीडिया तक में सुर्खियां बन चुकी हैं.
छुट्टी पर जाने के बाद पहला बयान
वहीं छुट्टी पर जाने के बाद IPS इल्मा अफरोजा का पहला बयान आया है. दरअसल इल्मा अफरोज उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के कुंदरकी गांव से हैं. बीते दिनों वो मुरादाबाद के एक शिक्षण संस्थान में पहुंची थीं. मंच से बोलते हुए उनका एक वीडियो भी सामने आया है. जहां उन्होंने स्टूडेंट्स को संबोधित किया और बद्दी में एसपी रहते हुए अपने अनुभव साझा किए.
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इल्मा अफोरज ने कहा, "मैंने एसपी बद्दी के तौर पर दिल लगाकर और मेहनत से काम किया. नशा तस्करी के खिलाफ शिकंजा कसा. नशा तस्कर युवाओं को नशे के इंजेक्शन देते थे. ऐसे नशा तस्करों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया और युवाओं को नशे से बचाया. मैंने बद्दी में जाकर खनन माफिया पर भी लगाम कसी और सत्य निष्ठा से अपनी जिम्मेवारी निभाई".
शाम को बच्चों को पढ़ाया
इल्मा अफरोज गरीब बच्चों को शिक्षित करने के लिए भी सुर्खियां बटोर चुकी हैं. अपने इस अनुभव को भी उन्होंने साझा करते हुए बताया "मैंने एसपी ऑफिस में आस-पास के झुग्गी-झोंपड़ी के बच्चों को बुलाया और उन्हें पढ़ाया. बच्चे शाम को आकर एसपी ऑफिस में खेलने और पढ़ने लगे. एसपी ने बद्दी में देखा था कि कुछ प्रवासी बच्चे थे जो स्कूल नहीं जाते थे. ऐसे में एसपी ने खुद से प्रवासी बच्चों की पढ़ाई का बीड़ा उठाया."