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आपदा के 1 महीने बाद भी अंधेरे में डूबा मलाणा गांव, अब सोलर लाइट से होगा रोशन, ये निजी संस्था आई मदद के लिए आगे - Malana Disaster

Solar Light will install in Malana Village: जिला कुल्लू में बादल फटने से हुई तबाही को करीब 1 महीना होने वाला है, लेकिन मलाणा गांव के आपदा के दंश को अब तक झेल रहे हैं. सड़क और पुल के टूट जाने से मलाणा पंचायत का संपर्क भी टूट गया है. गांव में 1 महीने से बिजली नहीं है. जिसके चलते अब गांव में सोलर लाइट लगाई जाएगी.

Solar Light will install in Malana Village
मलाणा गांव में 26 दिन से छाया है अंधेरा (ETV Bharat)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 27, 2024, 7:22 AM IST

Updated : Aug 27, 2024, 8:26 AM IST

कुल्लू: जिला कुल्लू की मणिकर्ण घाटी के मलाणा गांव में बादल फटने के बाद से जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. करीब 1 महीने पहले गांव में बादल फटा था, लेकिन उससे मची तबाही अभी भी लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है. गांव की सड़क टूट चुकी है, पुल बाढ़ में बह गया है. मलाणा पंचायत का संपर्क टूट चुका है. जिससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

निजी संस्था ने मलाणा गांव के लिए भेजी सोलर लाइट्स

हालांकि झूला पुल के जरिए लोगों को राशन भेजा जा रहा है, लेकिन करीब 26 दिन बीतने के बाद भी गांव अंधेरे में डूबा हुआ है और बिजली व्यवस्था अभी तक बहाल नहीं हो पाई है. ऐसे में अब एक निजी संस्था द्वारा मलाणा में रोशनी के लिए सोलर लाइट उपलब्ध करवाई गई है. संस्था द्वारा 250 सोलर लाइट गांव की ओर भेजी गई है और सोलर लाइट के जरिए अब पूरा गांव जगमगाएगा. मलाणा गांव के लोगों के लिए मेक माय ट्रिप नाम की संस्था ने सोलर लाइट उपलब्ध करवाई हैं और अब ये सोलर लाइट गांव के लिए भेज दी गई है. लिहाजा, एक दो दिनों के भीतर गांव फिर से रोशनी से जगमगाएगा.

मलाणा गांव अब तक बहाल नहीं हो पाई बिजली

गौरतलब है कि 1 अगस्त को मलाणा नाला में बादल फटा था, जिस कारण क्षेत्र में तबाही मच गई थी और बिजली की लाइनों के साथ-साथ मलाणा-वन और दो प्रोजेक्ट को भी भारी नुकसान पहुंचा था. ऐसे में मलाणा गांव पूरी तरह से अंधेरे में डूबा है. हालांकि बिजली बोर्ड ने बिजली बहाल करने का काम जारी रखा है, लेकिन अभी तक गांव के लिए बिजली बहाल नहीं हो पाई है.

ग्रामीणों के लिए प्रशासन ने भिजवाया 9 टन राशन

कुल्लू प्रशासन द्वारा साढ़े तीन टन राशन पीडीएस के जरिए भी गांव के लोगों को मुहैया करवाया जा रहा है. ये राशन खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने गांव तक पहुंचा दिया है. जो गांव में खुली सोसायटी के तहत लोगों में बांटा जाएगा. इस राशन को गांव तक पहुंचाने के लिए 52 नेपाली मजदूर लगाए गए. प्रशासन ने ग्रामीणों के लिए खाद्य वस्तुएं ले जाने का काम जारी रखा है. अब गांव तक प्रशासन ने 9 टन राशन पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. जिसमें अब तक करीब 8 टन राशन गांव तक पहुंचा दिया गया है, जबकि एक टन राशन अभी पहुंचाना बाकी है.

सड़क बनने में लगेगा 6 माह का समय

गौरतलब है कि मलाणा नाले में आई बाढ़ से क्षेत्र में सड़क को भारी नुकसान पहुंचा है. पीडब्ल्यूडी द्वारा अनुमान लगाया जा रहा है कि यहां सड़क बनाने में करीब 6 महीने तक का समय लग जाएगा. लिहाजा, तब तक के लिए क्षेत्र में खाने-पीने की चीजें स्टोर करने की जरूरत है. जिसके लिए प्रशासन और खाद्य एवं आपूर्ति विभाग लगातार कोशिश कर रहा है.

"मलाणा के लिए राशन भेजने का कार्य जारी है और यहां के लिए नौ टन राशन पहुंचाया जा रहा है, ताकि लोगों को खाने-पीने की वस्तुएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो. बाकी अन्य सुविधाएं भी ग्रामीणों को दी जा रही हैं."- विकास शुक्ला, एसडीएम कुल्लू

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Last Updated : Aug 27, 2024, 8:26 AM IST

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