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अवैध शराब बनाने में किया जा रहा नींद की दवा और सिरप का इस्तेमाल, पलामू पुलिस ने पकड़ी लाखों की खेप - Illegal liquor in Palamu - ILLEGAL LIQUOR IN PALAMU

Illegal liquor in Palamu. पलामू में अवैध शराब बनाने के लिए नींद की दवा और कफ सिरप का इस्तेमाल किया जा रहा है. पलामू पुलिस की कार्रवाई में इसका खुलासा हुआ है. करीब 26 लाख की दवाओं को बरामद किया गया है.

Illegal liquor in Palamu
Illegal liquor in Palamu

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 28, 2024, 8:31 AM IST

पलामू: अवैध शराब बनाने के लिए तस्कर नींद की दवा का इस्तेमाल कर रहे हैं. इस नींद की दवा का उपयोग महुआ, हड़िया और देशी शराब में किया जा रहा है. दरअसल, पलामू पुलिस ने कार्रवाई करते हुए लाखों की नींद की गोलियों की खेप बरामद की है. पुलिस ने दवाइयों के साथ एक दंपती को भी गिरफ्तार किया है, यह दंपती अपने घर से नींद की गोलियां, गांजा और अन्य नशीली दवाओं का कारोबार करता था.

26 लाख की दवाएं बरामद

दरअसल, पलामू पुलिस को सूचना मिली थी कि लेस्लीगंज थाना क्षेत्र के कोट खास में नशीली दवाओं का एक बड़ा नेटवर्क डंप रखा गया है. जिसके बाद पुलिस ने छापेमारी कर करीब 26 लाख रुपये की नशीली दवाएं बरामद कीं. इस दौरान पुलिस ने अलग-अलग कंपनियों की 5890 नींद की गोलियां और 141 कफ सिरप बरामद किए हैं. मौके से दो किलो गांजा भी बरामद किया गया है.

गिरफ्तार दंपती विष्णु सिंह और उसकी पत्नी फुलेश्वरी देवी लंबे समय से नशीली दवाओं और नींद की गोलियों का कारोबार कर रहे थे. दोनों ने अपने घर में ही एक छोटी सी दुकान बना रखी थी. वहीं से वे कारोबार करते थे. एक गोली जिसकी कीमत आम तौर पर 40 रुपये होती है, वह 400 से 600 रुपये में बेची जाती है. कप सिरप की एक बोतल 1000 से 1200 रुपये में बेची जाती है. गिरफ्तार विष्णु सिंह हत्या के आरोप में जेल भी जा चुका है, विष्णु सिंह का बेटा भी हत्या के आरोप में जेल में है.

ऊंचे दामों पर होती है दवाओं की बिक्री

गिरफ्तार दंपती ड्रग नेटवर्क की एक बड़ी कड़ी है. दंपती के पास ही ड्रग्स नेटवर्क की दवाएं और अन्य सामग्री जमा रहती थी. वहीं से इसे अन्य क्षेत्रों में भेजा जाता था. दंपती ने पलामू पुलिस को बताया कि इन दवाओं को बाजार मूल्य से कई गुना अधिक कीमत पर बेचा जाता था. इसका उपयोग अधिकतर स्थानीय स्तर पर किया जाता था, इसकी खेप दूसरे राज्यों में भी भेजी जाती थी.

"पुलिस को पूरे नेटवर्क की जानकारी मिल गई है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जा रही है. बरामद दवा डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के बिना नहीं दी जा सकती. पुलिस दवा उपलब्ध कराने वाले व्यक्ति की भी तलाश कर रही है." - रीष्मा रमेशन, पलामू एसपी

बिना डॉक्टर की सलाह के नींद की दवा का इस्तेमाल करना खतरनाक है. डॉक्टर भी इसे हानिकारक बताते हैं.

"बिना डॉक्टर की सलाह के नींद की दवा का इस्तेमाल करना गलत है. इसके कई दुष्प्रभाव होते हैं और इसकी लत लग जाती है. इसकी लत नशे की लत के समान ही मानी जाती है. शराब बनाने वाली कंपनियां इसका इस्तेमाल लोगों को अधिक नशा कराने के लिए करती हैं. इसका उपयोग महुआ, देशी शराब और हड़िया आदि बनाने में किया जाता है, जो बेहद खतरनाक है." - डॉ. सुनील कुमार, मनोचिकित्सक, मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल

पुलिस कई बातों का खुलासा नहीं कर रही है, ताकि अनुसंधान न प्रभावित हो. पुलिस की इस कार्रवाई में लेस्लीगंज एसडीपीओ मनोज कुमार झा, थाना प्रभारी राजू कुमार गुप्ता, सब इंस्पेक्टर विक्रम शील, अरुण कुमार बावरी और सच्चिदानंद शर्मा शामिल थे.

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