जमशेदपुरः झारखंड सरकार द्वारा बाजार समिति शुल्क लगाने की योजना पर व्यावसायिक संगठन आंदोलन की तैयारी में जुट गए हैं. जमशेदपुर में कोल्हान का सबसे बड़ा व्यावसायिक संगठन सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने बैठक कर रणनीति बनाई है. चैंबर अध्यक्ष ने बताया कि अगर सरकार बाजार समिति शुल्क लगाती है तो समिति की सभी दुकानें अनिश्चितकालीन बंद रहेंगे. इसका असर विधानसभा चुनाव में भी दिखेगा.
आंदोलन को लेकर जानकारी देते सिंहभूम चैंबर अध्यक्ष (ETV Bharat) कोल्हान का सबसे बड़ा व्यावसायिक संगठन द्वारा झारखंड सरकार द्वारा प्रस्तावित बाजार समिति शुल्क लगाने का विरोध शुरु हो गया है. शुक्रवार को जमशेदपुर के बिस्टुपुर स्थित चैंबर भवन में कोल्हान के सभी छोटे बड़े व्यावसायिक संगठन की बैठक हुई. जिसमें सरकार द्वारा प्रस्तावित बाजार समिति शुल्क के विरोध में रणनीति बनाई गयी. इस बैठक में सभी व्यवसायियों ने वर्तमान सरकार की इस योजना का राज्यस्तरीय विरोध करने का निर्णय लिया है.
2015 में तत्कालीन झारखंड सरकार द्वारा बाजार समिति शुल्क हटाया गया था. वर्तमान सरकार 2 प्रतिशत बाजार समिति शुल्क लगाने की योजना बना रही है. इसकी जानकारी देते हुए सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष विजय आनंद मुनका ने बताया कि क़ृषि मंत्री द्वारा बाजार समिति शुल्क लगाने की योजना है. इसे लेकर 28 अगस्त को बैठक होनी था जो अब 4 सितंबर 2024 को रांची में होगी. बाजार समिति शुल्क लगाने से महंगाई बढ़ेगी इससे सरकार को कोई विशेष लाभ नहीं होगा. उन्होंने बताया कि बाजार समिति शुल्क के विरोध में 1 सितंबर को मशाल जुलुस निकाला जाएगा और रांची में 4 सितंबर को होने वाली बैठक हम शामिल होंगे. 4 सितंबर को सभी बाजार समिति की दुकानें बंद रहेंगी. अगर वार्ता विफल होती है तो बाजार समिति मे खाद्यान्न की आवक अनिश्चितकालीन बंद रहेगी और सरकार के इस नये फरमान का असर विधानसभा चुनाव में भी दिखेगा.
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