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सात समंदर पार कर जलाशयों में अठखेलियां करने आए 'विदेशी मेहमान', वन महकमा करेगा सुरक्षा

रामनगर के जलाशय विदेशी मेहमानों से गुलजार होने लगे हैं. वहीं इनकी सुरक्षा के लिए वन विभाग ने भी कमर कस ली है.

Ramnagar Siberian Birds
जलाशयों में पहुंचे विदेशी मेहमान (Photo-ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 10, 2024, 9:50 AM IST

रामनगर: मौसम में बदलाव आते ही प्रवासी पक्षियों का जलाशयों में आना शुरू हो गया है. विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से लगते कोसी बैराज, तुमड़िया डांम आदि जलाशयों में साइबेरियन पक्षियों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है. इन प्रवासी पक्षियों के पहुंचने से कोसी बैराज व आसपास के क्षेत्रों के जलाशय इनकी चहचहाहट से गूंजने लगे हैं. उसके साथ ही इनके दीदार के लिए पर्यटक देश विदेश से कोसी बैराज व अन्य क्षेत्रों में पहुंच रहे हैं.

रामनगर के जलाशयों में पहुंचे विदेशी मेहमान:सर्दियों का मौसम शुरू होते ही रामनगर के जलाशयों में साइबेरियन पक्षियां सात समुंदर पार कर पहुंचने लगे हैं. हर वर्ष ये सुर्खाब पक्षी अक्टूबर माह में यहां पहुंच जाते हैं, लेकिन इस बार सर्दियां देर से शुरू होने के चलते इनका नवंबर में आना शुरू हुआ है. ये पक्षी अपना बसेरा रामनगर के आसपास के जलाशयों में बनाते हैं. इन पक्षियों को सुर्खाब या गोल्डन डक भी कहा जाता है. यह हमेशा जोड़े में ही यहां आते हैं और यहां आकर प्रजनन करते हैं. जब इनके बच्चे बड़े हो जाते हैं, तो वे इस स्थान से वापस लौट जाते हैं. ये पक्षी हर वर्ष साल हजारों किलोमीटर की यात्रा कर आते हैं और यहां अक्टूबर, नवंबर से लेकर मार्च तक रहते हैं.

विदेशी मेहमान से गुलजार हुए रामनगर के जलाशय (Video-ETV Bharat)

चहचहाहट मोह लेती है मन:कॉर्बेट लैंडस्केप से लगते कोसी बैराज 'विदेशी मेहमानों' की आमद से गुलजार हो गया है. रामनगर का कोसी बैराज, कोसी नदी के जलाशयों में प्रवासी पक्षियों ने डेरा जमा लिया है. वहीं पक्षी विशेषज्ञ संजय छिम्वाल ने कहा कि इस बार पिछले साल के मुकाबले ये प्रवासी पक्षी लेट पहुंचे हैं. यहां पहुंचकर सैलानी सुखार्ब (साइबेरियन पक्षी), वॉल कीपर, ब्लैक स्टार्ट, पिनटेल, करबोरेंच पक्षियों की चहचहाहट का आनंद ले रहे हैं. संजय छिम्वाल ने कहा कि सर्द मौसम के शुरुआत में ही प्रवासी पक्षी रामनगर के कोसी बैराज व कॉर्बेट लैंडस्केप से लगते कई क्षेत्रों में पहुंचना शुरू हो जाते हैं.

कॉर्बेट लैंडस्केप विदेशी मेहमानों की पहली पसंद: पक्षी कॉर्बेट लैंडस्केप के जलाशयों में पहुंचकर रामनगर की खूबसूरती में चार चांद लगा रहे हैं. रामनगर कोसी बैराज के जलाशयों में साइबेरियन और तिब्बत से प्रवासी पक्षी सैकड़ों की तादाद में पहुंचे हैं. संजय छिम्वाल का कहना है कि कॉर्बेट लैंडस्केप में 600 से ज्यादा पक्षियों की प्रजातियां पाई जाती हैं. लेकिन सर्दियों में सुखार्ब, वॉल कीपर, ब्लैक स्टार्ट, पिनटेल, करबोरेंच पक्षी समेत तमाम प्रजातियों के पक्षी यहां पहुंचते हैं. उन्होंने बताया कि कॉर्बेट पार्क घूमने आने वाले बर्ड वाचर के लिए सुखार्ब पक्षी पहली पसंद हैं.

दीदार करने के लिए बड़ी तादाद में पहुंचते हैं सैलानी: इन्होंने आगे कहा कि ये 'विदेशी मेहमान' भोजन व प्रजनन के लिए हजारों मील का सफर तय कर ठंडे प्रदेशों से यहां पहुंचते हैं.सैकड़ों की संख्या ये जोड़े कोसी नदी में जल में अठखेलियां करते हुए देखे जा सकते हैं. संजय कहते हैं कि सुर्खाब पक्षी जीवन में एक ही बार जोड़ा बनाते हैं और उसके बाद यह जोड़ा नहीं बनाते. यहां ये 200 से 300 जोड़ों में भी दिखाई देते हैं. वहीं इनको देखने के लिए आने वाले पर्यटक भी इनको कोसी नदी में अठखेलियां खाते हुए देख उत्साहित हो जाते हैं और उनका खुशी का ठिकाना नहीं रहता.

सुरक्षा के लि वन विभाग ने कसी कमर: वहीं, इनकी सुरक्षा भी किसी चुनौती से कम नहीं है. वन प्रभाग रामनगर भी इनकी सुरक्षा को लेकर लगातार इन पक्षियों पर नजर बनाए रखता है. जानकारी देते हुए रामनगर वन प्रभाग के डीएफओ दिगंत नायक ने बताया कि विभाग द्वारा लगातार कोसी नदी के जलाशयों में इन पक्षियों पर नजर रखी जा रही है. वनकर्मी लगातार इनकी मॉनिटरिंग करते हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि इस बार बोटिंग से भी इनकी निगरानी की जाएगी, जिसका प्रपोजल बनाकर शासन को भेजा गया है.
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