लातेहारःजिले में इन दिनों डॉक्टरों की भारी कमी है. इससे पूरे जिले में चिकित्सा कार्य प्रभावित हो रहा है. पूरे जिले में डॉक्टरों के कुल स्वीकृत पद 111 हैं. लेकिन फिलहाल महज 41 डॉक्टर ही कार्यरत हैं. डॉक्टरों की भारी कमी के कारण मरीजों को परेशानी हो रही है. वहीं जिले में पदस्थापित डॉक्टर भी काम के दबाव से जूझ रहे हैं.
दरअसल लातेहार जिला चिकित्सा के क्षेत्र में काफी पिछड़ा जिला माना जाता है. पूरे जिले में एक भी निजी अस्पताल नहीं है, जहां मरीजों के लिए बेहतर सुविधा उपलब्ध हो. कुल मिलाकर यहां के मरीज पूरी तरह से सरकारी चिकित्सा व्यवस्था पर निर्भर हैं. इधर, स्वास्थ्य विभाग भी लातेहार जिले में डॉक्टरों की पदस्थापना को लेकर सौतेला रवैया अपनाता है.
जिले में स्वीकृत डॉक्टरों की संख्या के अनुपात में लातेहार स्वास्थ्य विभाग में आधे डॉक्टर भी पदस्थापित नहीं हैं. आंकड़ों पर गौर करें तो लातेहार जिले में कुल 111 डॉक्टरों की जरूरत है. लेकिन फिलहाल यहां महज 41 डॉक्टर ही कार्यरत हैं. यानी कुल स्वीकृत पदों की तुलना में यहां मात्र एक तिहाई डॉक्टर ही पदस्थापित हैं. ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि मरीज के इलाज की सुचारू व्यवस्था करने में स्वास्थ्य विभाग को कितना तनाव झेलना पड़ रहा होगा.
अस्पताल में नहीं हैं सर्जन और फिजीशियन
लातेहार जिले में सर्जन और फिजीशियन की भी भारी कमी है. लातेहार सदर अस्पताल में कम से कम दो सर्जन और दो फिजीशियन की जरूरत है, लेकिन यहां एक भी सर्जन और फिजीशियन पदस्थापित नहीं हैं. जिले में पदस्थापित चिकित्सा पदाधिकारी ही मरीजों का फिजीशियन बनकर इलाज करते हैं. लेकिन जब सर्जरी की बात आती है तो परेशानी बढ़ जाती है.