शिवराज विदिशा लोकसभा जीत बनेंगे सांसद तो बेटे कार्तिकेय का प्रमोशन पक्का! बुधनी विधायक रेस में नया नाम - Karthikeya Contest Budhni Election - KARTHIKEYA CONTEST BUDHNI ELECTION
लोकसभा चुनाव के बीच एमपी के सियासत में उपचुनाव की चर्चा उठ रही है. कहा जा रहा है कि अगर बुधनी सीट खाली होती है तो क्या बीजेपी शिवराज के बेटे कार्तिकेय को बुधनी सीट प्रत्याशी बनाएगी? या किसी ओर प्रत्याशी को पार्टी मौका देगी.
क्या शिवराज के बेटे को मिलेगा टिकट (KARTHIKEYA Twitter)
भोपाल। इस समय लोकतंत्र के महापर्व में सभी देशवासी मिलकर अपना योगदान दे रहे हैं और वोट डालने पहुंच रहे हैं. हालांकि एमपी में चुनावी समर समाप्त हो चुका है. अब सभी की निगाहें 4 जून यानि की परिणामों पर टिकी हुई है. अभी लोकसभा चुनाव पूरी तरह से समाप्त भी नहीं हुए और एमपी में बुधनी विधानसभा सीट पर उपचुनाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है. राजनीतिक गलियारों में पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय का नाम तेजी से सामने आ रहा है. कहा जा रहा है कि पूर्व सीएम के जीतने के बाद बुधनी सीट खाली होने पर कार्तिकेय यहां से चुनाव लड़ सकते हैं.
सांसद बने शिवराज तो खाली होगी बुधनी सीट
दरअसल, इस चर्चा की वजह यह है कि पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान विदिशा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. विदिशा सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती है. बीजेपी के साथ खुद शिवराज सिंह को अपनी रिकॉर्ड जीत पर विश्वास है. शिवराज सिंह चौहान इससे पहले भी इस सीट से 5 बार सांसद रह चुके हैं. ऐसे में शिवराज सहित उनके समर्थकों को पूर्व सीएम की जीत पर पूरा भरोसा है. अगर ऐसा होता है तो सांसद बनने के बाद शिवराज सिंह चौहान को बुधनी सीट से विधायक पद से इस्तीफा देना होगा. जिसके बाद बुधनी विधानसभा सीट खाली हो जाएगी.
बुधनी सीट से बंपर वोटों से जीते थे शिवराज
आपको बता दें, साल 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने शिवराज को बुधनी सीट से प्रत्याशी बनाया था. विधानसभा चुनाव में शिवराज ने 1 लाख से ज्यादा बंपर वोटों के साथ जीत हासिल की थी. वर्तमान में वह बुधनी से विधायक हैं. सांसद बनने के बाद उन्हें विधायक के पद को छोड़ना होगा. जिसके बाद यह सीट खाली हो जाएगी और यहां विधायकी के लिए उपचुनाव होंगे. ये सुगबुगाहट तेज हो गई है, क्या पार्टी आलाकमान शिवराज की बुधनी सीट से उनके बेटे कार्तिकेय को उतारेगी या नहीं.
बात अगर कार्तिकेय सिंह चौहान की जाए, तो वे चुनावी गतिविधियों में पूरी तरह एक्टिव दिखाई देते हैं. विधानसभा चुनाव में पिता के साथ-साथ पार्टी के लिए उन्होंने कई सभाएं भी की थी. इसके अलावा लोकसभा चुनाव में भी वे पूरी एनर्जी के साथ चुनावी मैदान में पिता के साथ नजर आए हैं. विपक्षी पार्टियों पर बयान देने और पार्टी के बचाव में बोलने में भी पीछे नहीं रहे. वे लंबे समय से कार्यकर्ताओं से बैठक कर रहे हैं. वहीं शिवराज भी अपने बेटे की चुनाव में एंट्री का ये मौका जाने नहीं देना चाहेंगे. बुधनी सीट वैसे भी शिवराज की पांरपरिक सीट है. यहां दूसरे प्रत्याशी के मुताबिक कार्तिकेय को पिता के नाम पर जीत आसानी से मिल सकती है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि परिवारवाद का विरोध करने वाली बीजेपी का शिवराज के बेटे कार्तिकेय को मौका देगी. जबकि बीजेपी के कई नेता पुत्र राजनीति में अपने के साथ कदम मिलाकर चल रहे हैं.
क्या कहते हैं पॉलिटिकल कॉमेंटेटर्स
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक रमेश शर्मा कहते हैं, 'विदिशा लोकसभा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जीत पक्की मानी जा रही है. उनके बेटे कार्तिकेय चौहान ने चुनाव में खूब मेहनत की है. पिछले विधानसभा चुनाव के समय भी कार्तिकेय चौहान ने ही बुधनी में पूरी कमान संभाली थी. उम्मीद है शिवराज के सीट छोड़ने पर कार्तिकेय ही उनके उत्तराधिकारी बनेंगे.
कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि, 'सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि क्या शिवराज सिंह जीतकर आएंगे? वैसे भी बीजेपी के नेता अपने बेटों को सेट करने में जुटे हैं, लेकिन जनता अब कितना स्वीकार करती है यह देखना होगा.'