आगरा: आगरा के लघुवाद न्यायालय में मंगलवार को आर्य संस्कृति संरक्षण ट्रस्ट के फतेहपुर सीकरी की शेख सलीम चिश्ती दरगाह और कामाख्या माता मंदिर केस की सुनवाई हुई. जिसमें वादी और उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड समेत अन्य प्रतिवादी भी हाजिर हुए. न्यायालय के आदेश पर सभी प्रतिवादियों को वाद पत्र की छाया प्रति उपलब्ध कराई गई. इसके साथ ही न्यायाधीश ने सभी प्रतिवादियों को इस मामले में अपना लिखित जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है. अब इस मामले की 18 अक्टूबर को होगी.
बता दें कि लघुवाद न्यायालय में पहले से ही ताजमहल या तेजोमहालय, जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे भगवान केशव देव के विग्रह दबे होने का मामला और ताजमहल में जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक का मामला विचाराधीन है. इन मामलों में लगातार सुनवाई हो रही है. ऐसे अब फतेहपुर सीकरी स्थित शेख सलीम चिश्ती की दरगाह और कामाख्या माता मंदिर का मामला भी सुर्खियों में है. क्षत्रिय शक्तिपीठ विकास ट्रस्ट के अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने आगरा के लघुवाद न्यायालय में इसको लेकर वाद दायर किया है.
लिखित जवाब के लिए दिया समय: क्षत्रिय शक्तिपीठ विकास ट्रस्ट के अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने फतेहपुर सीकरी में स्थित सलीम चिश्ती की दरगाह को कामाख्या माता का मंदिर और जामा मस्जिद को कामाख्या माता मंदिर परिसर बताकर कोर्ट में एक वाद दायर किया था. इस मामले में माता कामाख्या, आस्थान माता कामाख्या, आर्य संस्कृति संरक्षण ट्रस्ट, योगेश्वर श्रीकृष्ण सांस्कृतिक अनुसंधान संस्थान ट्रस्ट, क्षत्रिय शक्तिपीठ विकास ट्रस्ट और अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह वादी हैं. इस मामले में उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, प्रबंधन कमेटी दरगाह सलीम चिश्ती, प्रबंधन कमेटी जामा मस्जिद प्रतिवादी हैं.
वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि सुनवाई में सभी प्रतिवादी को वाद पत्र की छाया प्रति उपलब्ध करवाई गई है. सुनवाई में न्यायालय ने प्रतिवादियों को अपना लिखित जवाब दाखिल करने का आदेश दिया गया है. प्रतिवादी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता राशिद सलीम शम्सी, जामा मस्जिद, सलीम चिश्ती दरगाह की ओर से अधिवक्ता उपस्थित हुए.
सिकरवार वंश का था राज्य: वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि वर्तमान में विवादित संपत्ति भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधीन एक संरक्षित स्मारक है. जिस पर सभी प्रतिवादी अतिक्रमणी हैं. फतेहपुर सीकरी का मूल नाम सीकरी है. जिसे विजयपुर सीकरी भी कहते थे. जो सिकरवार क्षत्रियों का राज्य था. जहां पर विवादित संपत्ति माता कामाख्या देवी का मूल गर्भ गृह व मंदिर परिसर था.