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दिल्ली का गुफा वाला शिव मंदिर, जहां होता है माता वैष्णो देवी का एहसास - SHARADIYA NAVRATRI 2024

दिल्ली के प्रीत विहार में गुफा वाला शिव मंदिर स्थित है. इसे माता वैष्णो देवी गुफा की तर्ज पर बनाया गया है.

गुफा वाला शिव मंदिर
गुफा वाला शिव मंदिर (ETV Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 9, 2024, 6:19 AM IST

नई दिल्ली:इस समय देशभर में नवरात्रोत्सव की धूम है. इसके साथ ही श्रद्धालुओं का मंदिरों की ओर रुख करना भी बढ़ गया है. नवरात्र के दौरान श्रद्धालु देवी मां की कृपा एवं आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विभिन्न मंदिरों का दौरा करते हैं. इनमें से एक प्रमुख स्थल है प्रीत विहार स्थित गुफा वाला शिव मंदिर, जहां भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है.

भक्ति का अद्भुत स्थल:गुफा वाले शिव मंदिर की खासियत है कि यहां केवल भगवती माता की मूर्तियां ही नहीं, बल्कि हनुमान जी, गणेश जी और शिव जी की विशाल प्रतिमाएं भी स्थापित हैं. मंदिर के पुजारी वासुदेव तिवारी ने बताया कि नवरात्र के दिनों में यहां माता वैष्णो देवी, महाकाली, महालक्ष्मी, और महा सरस्वती की प्रतिमाओं का विशेष आकर्षण है. जम्मू स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर की तर्ज पर ये प्रतिमाएं श्रद्धालुओं को एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करती हैं. यहां आकर श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं पूरी करने का विश्वास रखते हैं. भक्त यहां अपनी मनोकामना पूरी होने के बाद अपनी चुनरी भी बांधकर जाते हैं. मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं का मानना है कि इस स्थान की बड़ी महत्ता है, क्योंकि यहां उनकी इच्छाएं शीघ्र पूरी होती हैं.

दिल्ली का गुफा वाला शिव मंदिर (ETV Bharat)

मंदिर का इतिहास: 1987 में यहां एक छोटा शिव मंदिर बनाया गया था, जिसके बाद धीरे-धीरे अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाएं स्थापित की गईं. 1994 में गुफा का निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ, जो 1996 में समाप्त हुआ. इस गुफा में माता वैष्णो देवी, महाकाली, महालक्ष्मी, और महा सरस्वती की प्राण प्रतिष्ठा की गई. यहां से ज्वाला जी से लाया गया एक अखंड ज्योति पिछले 30 वर्ष से निरंतर जल रही है, जो भक्तों के लिए प्रेरणा का स्रोत है.

अद्वितीय संरचना:इस मंदिर में 140 फीट लंबी गुफा है, जिसमें भक्त अलग-अलग रास्तों से प्रवेश करते हैं. मुख्य प्रवेश द्वार शेर के आकार में बना हुआ है. जबकि, हनुमान जी और गणेश जी की विशाल प्रतिमाएं देखने के लिए सीढ़ियां भी बनाई गई हैं. इसका शिवलिंग 155 फीट ऊंचा और 55000 किलो वजन का है, जिसमें विभिन्न 12 स्वरूप मौजूद हैं. मंदिर के प्रधान सुरेंद्र कुमार दीवाना ने बताया कि इस धार्मिक स्थल का लगातार विकास हो रहा है और माता रानी की कृपा से इसकी लोकप्रियता भी विशाल होती जा रही है.

मार्ग का विवरण:यदि आप गाजियाबाद, नोएडा की ओर से या उत्तर प्रदेश के किसी अन्य जिले से प्रीत विहार के मंदिर में आने की योजना बना रहे हैं, तो यात्रा करना बेहद सरल है. यह मंदिर प्रीत विहार के जी ब्लॉक में स्थित है और यहां पहुंचने के लिए आपके पास कई विकल्प हैं.यदि आप स्वामी दयानंद मार्ग का उपयोग करना चाहते हैं, तो आनंद विहार से शुरू करें.

इस मार्ग पर चलकर आप सीधे कड़कड़डूमा कोर्ट और लक्ष्मीनगर आईटीओ की ओर बढ़ सकते हैं. यह मार्ग प्रीत विहार तक पहुंचने का एक सुविधाजनक रास्ता प्रदान करता है. ध्यान देने योग्य बात है कि प्रीत विहार का नजदीकी मेट्रो स्टेशन ब्लू लाइन पर स्थित है. यदि आप मेट्रो से यात्रा करना पसंद करते हैं, तो आप सीधे प्रीत विहार मेट्रो स्टेशन पर पहुंच सकते हैं. यह मेट्रो सेवा दिल्ली और एनसीआर के विभिन्न क्षेत्रों से आसानी से जुड़ी है, जिससे आपकी यात्रा काफी आरामदायक हो जाती है.

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