इटावा:इटावा में समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव केदारेश्ववर मंदिर बनवा रहे हैं. हाल ही में बजट सत्र के दौरान अखिलेश ने कहा था, हम पहले शिव मंदिर जाएंगे. उसके बाद रामलला के दर्शन करने जाएंगे. इस बयान के बाद अब इटावा के केदारेश्वर भोलेनाथ मंदिर की चर्चा भी शुरू हो गई हैं. निर्माण में मंदिर के गर्भगृह में स्थापित होने वाली शालिग्राम की शिला भी नेपाल के पोखरा से लखनऊ लायी जा चुकी है. इसका पूजन मंगलवार को अखिलेश यादव और राज्यसभा चुनाव में सपा की प्रत्याशी जया बच्चन समेत तीनों प्रत्याशियों ने किया है.
भगवान शिव का ये मंदिर लोहन्ना चौराहे से ग्वालियर जाने वाले हाईवे पर बनी लायन सफारी के ठीक सामने 2 एकड़ में बन रहा है. 2020 में अखिलेश ने मंदिर का भूमि-पूजन किया था. ये मंदिर देश की शिव शक्ति अक्ष रेखा के ऊपर बन रहा है. देश में बने भगवान शिव के प्रमुख 8 मंदिर भी इसी रेखा पर स्थित हैं. केदारेश्वर मंदिर उत्तराखंड में बने केदारनाथ मंदिर का दूसरा रूप होगा. मंदिर का निर्माण आंध्र प्रदेश के वही शिल्पकार कर रहे हैं, जिन्होंने तमिलनाडु के प्रसिद्ध कवि तिरुवल्वम के स्टैच्यू को बनाया था.
मंदिर निर्माण में जुटी आंध्र प्रदेश से आई 50 शिल्पकारों की टीम को लीड कर रहे उमा शंकर ने बताया कि मंदिर का निर्माण करीब 85 फीसदी पूरा हो चुका है. एक महीने में इसके मुख्य प्रांगण का निर्माण पूरा होने की उम्मीद है. बाहरी दीवार और अन्य निर्माण धीरे-धीरे होते रहेंगे. इसको अंतिम रूप देने में अभी एक साल लग जाएगा. मंदिर की अभी तक अनुमानित लागत करीब 50 से 55 करोड़ है. इस मंदिर की ऊंचाई 72 फीट होगी. केदारनाथ मंदिर के प्रवेश द्वार से लेकर गर्भगृह तक जो मूर्तियां-कलाकृतियां स्थापित हैं.