शहडोल: खरीफ का सीजन चल रहा है और खरीफ के सीजन में शहडोल जिले में धान की खेती प्रमुखता से के साथ की जाती है तो वहीं कुछ जगहों पर मक्के की फसल भी लगाई जाती है. जिले में धान की फसल में जहां ब्लास्ट रोग की समस्या देखी गई थी, तो वहीं मक्के की फसल में फॉल आर्मी वर्म का प्रकोप देखा गया था. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाया था. इसकी जांच करने और किसानों को सलाह देने के लिए मुरैना से एकीकृतनाशी जीव प्रबंधन मुरैना भारत सरकार की टीम किसानों के खेतों में पहुंची.
टीम ने खेत में पहुंचकर ली जानकारी
धान की फसल में ब्लास्ट नामक रोग के साथ ही मक्के की फसल में फॉल आर्मी वर्म को लेकर ईटीवी भारत ने खबर की थी. जब यह खबर लोगों तक पहुंची तो इसका असर भी देखने को मिला. एकीकृतनाशी जीव प्रबंधन विभाग भारत सरकार की टीम जो मुरैना में है वह शहडोल जिले में पहुंची और खेतों तक गई. इस टीम ने इस रोग की भयावहता को समझा और जाना कि आखिर ये रोग कितना फैला हुआ है और इसके रोकथाम के लिए किसानों को भी सलाह दी.
'एनपीएसएस एप का करें उपयोग'
केंद्रीय एकीकृतनाशी जीव प्रबंधन विभाग भारत सरकार केंद्र मुरैना के कार्यालय प्रभारी सुनीत कुमार कटियारबताते हैं कि "फसल में ब्लास्ट और फॉल आर्मी वर्म का ज्यादा प्रकोप नहीं है. ऐसे में किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि भारत सरकार ने एनपीएसएस एप लॉन्च किया है. एग्रीकल्चर के लिए यह बहुत उपयोगी है क्योंकि इसमें कीड़ा का फोटो खींचते ही वो बता देगा कि यह कौन सा कीड़ा है. इसका प्रबंधन कैसे किया जाए और कितना नुकसान पहुंचा सकता है, साथ ही साथ भारत सरकार को भी इसकी सूचना सूचना तुरंत मिल जाती है."