मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : हमारे देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी किसी पहचान की मोहताज नहीं है. आजादी दिलाने से लेकर लोगों को अहिंसा का पाठ पढ़ाने तक गांधी जी ने अपना सबकुछ देश के नाम कर दिया. पैरों में चप्पल, पतली धोती और खुले बदन गांधीजी अपने व्यवहार और अनुशासन के लिए सदियों तक याद किए जाएंगे. उनके सम्मान में देश के कई जगहों पर उनकी मूर्तियां स्थापित की गई हैं. संग्रहालय बने हैं और ना जाने राज्य सरकारों ने गांधी जी स्मृतियां सहेजने के लिए क्या कुछ नहीं किया.लेकिन छत्तीसगढ़ में एक जगह ऐसी है जहां गांधी जी को छोटी सी जगह भी नसीब नहीं हो रही है.
क्या है मामला ?:ये पूरा मामला मनेंद्रगढ़ के एक वॉर्ड का है.जहां पर कांग्रेस शासन काल में गांधी जी की प्रतिमा एल्डमैन ने लगवाई थी.इस मामले में एल्डरमैन का कहना है कि शहर की तीन जगहों पर मूर्तियां लगनी थी.जिसमें से एक जगह ये भी है. एल्डरमैन ने ठेकेदार से मूर्ति लगवा दी.जिसका उद्घाटन 15 अगस्त 2023 को तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने किया. लेकिन जब प्रदेश में सत्ता का परिवर्तन हुआ तो गांधीजी की प्रतिमा को लगाने को लेकर विवाद शुरु हुआ. जिस वार्ड में गांधीजी की प्रतिमा लगी है,उस जगह के पार्षद ने आरटीआई के माध्यम से मूर्ति लगाने की प्रक्रिया की जानकारी मांगी.जिसमें ये बात सामने आई की शहर में कहीं भी प्रतिमा लगाने का कोई टेंडर जारी नहीं हुआ है.लिहाजा अब संबंधित जगह में अतिक्रमण करके स्वेच्छा से मूर्ति लगवाने की बात सामने आ रही है.
क्या है एल्डरमैन का कहना ?: इस पूरे मामले मेंमहात्मा गांधी की प्रतिमा लगवाने वाले एल्डरमैन ने कहा कि नगर पालिका मनेन्द्रगढ़ के सीएमओ के मौखिक आदेश पर संबंधित ठेकेदार ने प्रतिमा लगवाई थी. जिसे अब नियम विरुद्ध बताया जा रहा है.ठेकेदार का भुगतान रुका हुआ है.