भिवानी:बढ़ते वैज्ञानिक युग में इलैक्ट्रॉनिक चिप का प्रयोग घड़ी से लेकर टैंक तक होने लगा है. आने वाले आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के युग में विभिन्न इलैक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे रोबोट, मोबाईल, सैंसर, इलैक्ट्रिक वाहन, कंप्यूटर सहित विभिन्न स्वचलित कारखानों के संचालन में सेमी कंडक्टर (अर्धचालक) उपकरण का मुख्य भाग होता है. भारत में निर्माण व वैश्विक स्तर पर सेमी कंडक्टर हब बनाने के उद्देश्य से भारत सरकार ने इंडिया सेमी कंडक्टर मिशन शुरू किया है.
चौ. बंसीलाल विवि में विशेष कोर्स की शुरुआत: इसके तहत 76 हजार करोड़ रुपये का बजट भी अलॉट किया गया है. इसी मिशन को आगे बढ़ाने के लिए हरियाणा के भिवानी स्थित चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय ने पहल करते हुए नई शिक्षा नीति के तहत सेमी कंडक्टर निर्माण को लेकर एक विशेष कोर्स शुरू किया है. इस कोर्स को पूरा करने वाले विद्यार्थी बाबा रिसर्च सैंटर सहित इसरो व नासा में इंर्टनशिप कर पाएंगे.
विवि कुलपति ने दी जानकारी: इस बारे में जानकारी देते हुए चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. दीप्ति धर्माणी ने बताया कि उनका विश्वविद्यालय वैश्कि स्तर पर सेमी कंडक्टर की मांग को देखते हुए इंडिया सेमी कंडक्टर मिशन को आगे बढ़ाने का काम कर रहा है. जिसकी शुरूआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2021 में कोविड के समय की थी. जहां अब तक ताईवान, चाईना, कोरिया देशों में ही सेमी कंडक्टर का निर्माण होता था. अब भारत में इंडिया सेमी कंडक्टर मिशन के तहत भारत को सेमी कंडक्टर का वैश्विक हब बनाने का निर्णय लिया है.