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बच्चा बेचो और किश्त पटाओ, कर्ज के मकड़जाल में उलझे ग्रामीणों का दर्द, लगाए ये गंभीर आरोप

छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के ग्रामीणों का आरोप है कि फाइनेंस कंपनी के रिकवरी एजेंट लोन वसूली के लिए डरा धमका रहे हैं.

Finance company bullying in Kanker
कांकेर में फाइनेंस कंपनी पर गंभीर आरोप (ETV Bharat)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : 4 hours ago

Updated : 57 minutes ago

कांकेर : नक्सल प्रभावित कांकेर जिले में फाइनेंस कंपनियों ने ग्रामीणों को समूह बनाकर लोन दिया है. अब ग्रामीणों का आरोप है कि फाइनेंस कंपनियों के कर्मचारी सुबह 6 बजे से घर पहुंच जाते हैं और पैसों के लिए दबाव बनाते हैं.

शिकायत करने कलेक्टोरेट पहुंचे ग्रामीण : भानुप्रतापपुर, दुर्गुकोंदल और अंतागढ़ ब्लॉक के 50 से ज्यादा महिला पुरुष अपने नन्हें बच्चों के साथ शिकायत करने कलेक्टोरेट भी पहुंचे. ग्रामीणों ने अधिकारियों से यह शिकायत दर्ज कराई है कि हम लोग लोन लेना नहीं चाहते थे. कंपनी के लोग हमारे घर आते थे और अपना लक्ष्य पूरा करने हमें दबाव डालकर समूह बनाकर लोन देते हैं.

फाइनेंस कंपनी पर गांववालों को धमकाने के आरोप (ETV Bharat)

ईटीवी भारत की टीम कांकेर जिला मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर दूर ग्राम चवेला पहुंची. यहां शिकायत करने वाले लोगों से मुलाकात हुई. उन्होंने बताया कि किस तरह फाइनेंस कम्पनियों के रिकवरी एजेंट उनके साथ किस तरह व्यवहार करते हैं.

पैसा जमा करने दबाव बनाने के आरोप : महिला सावित्री टांडिया ने बताया कि दो कंपनियों से लोन लिया था. हर महीने लोन की राशि जमा कर रहे थे. लेकिन एक माह की देरी होने के बाद दबाव बनाकर पैसे जमा करने बोला जाता रहा. रोज कम्पनी के कर्मचारी घर पहुंच कर पैसे की मांग करते रहे. पति की तबीयत खराब होने के बावजूद एक नहीं सुनी गई.

पैसा जमा करने के लिए दबाव बनाया जाता रहा है. आखिरकार 2 एकड़ खेत भी बेच दिया. लेकिन राशि जमा नहीं हो पाई. अब खेत भी नहीं बचा है. ऐसे में तंग आकर शिकायत करने की सोची. : सावित्री टांडिया, शिकायतकर्ता

ग्रामीण कुछ महीने जमा नहीं कर पाए राशि : एक अन्य महिला शारदा पटेल कहती हैं कि एक फाइनेंस कम्पनी से लोन लिया है. कुछ राशि जमा भी की. इस दौरान कुछ महीने राशि जमा नहीं कर पाए. रिकवरी एजेंट पहुंचे और कहीं से भी पैसा जमा करने कहते रहे.

एक दिन तो हद हो गई. कम्पनी के एजेंटों ने बच्चों को बेचकर पैसा जमा करने कह डाला और तो और अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगे. पैसे जमा नहीं करने पर घर का सामान उठा कर ले जाने धमकी दी. : शारदा पटेल, शिकायतकर्ता

रिकवरी एजेंट का डराने धमकाने से इनकार : वहीं एक फाइनेंस कंपनी के रिकवरी एजेंट ने वसूली के नाम पर डराने धमकाने की बात से साफ इनकार कर दिया. ग्रामीणों ने गांव पहुंचे एक शख्स को फाइनेंस कंपनी का मैनेजर बताया. जब उस शख्स से बात की गई तो उसने शिकायत कॉपी दिखाने की जिद की. इस शख्स ने यह दलील भी दी कि ''हमारी कंपनी में डराने धमकाने वाला व्यवहार नहीं किया जाता है.''

हमारे द्वारा किसी को डराया धमकाया नहीं जाता है. अगर कोई ऐसा बोल रहा है तो मैं नौकरी छोड़ दूंगा और 6 महीने तक इनके खाना का खर्चा उठाऊंगा. : रिकवरी एजेंट, फाइनेंस कम्पनी

लोन रिकवरी के लिए आरबीआई की गाइडलाइन : अब जरा आरबीआई के नियमों को भी जान लीजिए. वकील अभिषेक सिंह अत्रि ने बताया कि आरबीआई के नियमों के अनुसार किसी भी रिकवरी एजेंट को घर आने से पहले ग्राहक को होम विजिट लेटर देना चाहिए. वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि फाइनेंस कंपनी के रिकवरी एजेंट बिना किसी विजिट लेटर के सुबह 6 बजे से घरों में पहुंच जाते है.

आरबीआई का यह भी नियम है कि सुबह 8 बजे से पहले और शाम 7 बजे के बाद कोई कॉल नहीं करेगा, लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि रिकवरी एजेंट ऐसे किसी नियम का पालन नहीं करते हैं. महिलाओं ने प्रशासन से मांग की है कि रिकवरी एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और उन्हें सुरक्षा मिले. : अभिषेक सिंह अत्रि, वकील

जांच के बाद कार्रवाई के दिए निर्देश :कांकेर जिले के अपर कलेक्टर एस अहिरवार ने ग्रामीणों को फाइनेंस कंपनी के रिकवरी एजेंट द्वारा डराने धमकाने के मसले पर कहा कि इसकी शिकायत मिली है. भानुप्रतापपुर एसडीएम को तत्काल मामले की जांच करने करने कहा गया है. जांच रिर्पोट आते ही कार्रवाई की जाएगी.

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