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"आखिर सीएम को लेना ही पड़ा डीए की किस्त देने का निर्णय, मुझे प्रिविलेज मोशन का नहीं कोई गम" - HIMACHAL EMPLOYEES PENSIONERS DA

सुक्खू सरकार ने 28 अक्टूबर को कर्मचारियों और पेंशनरों के खाते में 4 फीसदी डीए, सैलरी और पेंशन डालने की घोषणा की है.

संजीव शर्मा
संजीव शर्मा (ETV Bharat)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 15, 2024, 9:13 PM IST

शिमला:हिमाचलप्रदेश की सुक्खू सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनरों को 4 फीसदी डीए और 28 अक्टूबर को सैलरी और पेंशन खाते में डालने का ऐलान किया है. यही नहीं पेंशनर्ज के पेंडिंग मेडिकल बिलों का एकमुश्त भुगतान करने की भी घोषणा की हैं. इसी तरह से चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को एरियर का 20 हजार देने पर हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं परिसंघ ने मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया है.

प्रदेश सचिवालय के परिसर में दोपहर बाद आयोजित हुए जनरल हाउस में कर्मचारियों ने सरकार से अन्य मांगों को भी जल्द पूरे करने अल्टीमेटम दिया हैं. हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं परिसंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा कि भले ही हमारे खिलाफ प्रिविलेज मोशन लाया गया हो, लेकिन मुझे खुशी है कि मैं लाखों कर्मचारियों और पेंशनरों के काम आया हूं. जो अपने हकों को लेकर आवाज नहीं उठा पा रहे थे.

कर्मचारियों की सैलरी और डीएम पर संजीव शर्मा का बयान (ETV Bharat)

मुख्यमंत्री को लेना पड़ा डीए की किस्त देने का निर्णय:संजीव शर्मा ने कहा, "भले ही हमारे ऊपर प्रिविलेज मोशन लाया गया हो और नोटिस भी जारी हुआ हो, लेकिन मुझे खुशी है कि मैं अपने कर्मचारियों और पेंशनरों की वजह से सफल हुआ हूं. जो मुख्यमंत्री को सैलरी और पेंशन 28 अक्टूबर को देने और डीए की 4 फीसदी किस्त देनी पड़ी. उन्होंने कहा कि मुझे पता चला है कि किसी ने हमारे खिलाफ एफआईआर करने की एप्लीकेशन दी है. जिसकी मेरे पास कॉपी है. इसमें कहा गया है कि हमने 23 अगस्त को हुए जनरल हाउस में जो स्पीच दी थी, जिससे प्रदेश में अराजकता फैल सकती थी. लेकिन हमने जो स्पीच दी थी, उसमें कोई भी गाली गलौज नहीं किया था".

मुख्य सचिव के साथ होगी बैठक:संजीव शर्मा ने कहा कि जल्द ही मुख्य सचिव के साथ बैठक होने वाली है. जिसमें 1 जुलाई 2022 से 21 महीने का डीए एरियर देने, साल 2016 से पे एरियर के भुगतान की मांग रखी जाएगी. सीएम की घोषणाओं से कर्मचारी काफी हद तक संतुष्ट हैं. हमें प्रदेश की आर्थिक स्थिति को भी देखना है. हमें प्रदेश के कर्मचारियों ने कहा कि सचिवालय कर्मचारियों को मांगों को लेकर बाहर निकलना होगा. इस पर हमने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ अपना रोष व्यक्त किया. जिसमें हमें प्रदेश भर के कर्मचारियों और पेंशनरों का साथ मिला. जिसकी वजह से हम मिल जुलकर लड़ाई लड़ सके.

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