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SECR को रेल बजट से बड़ी उम्मीदें,जानिए किन चीजों का यात्रियों को है इंतजार ?

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 31, 2024, 7:27 PM IST

Rail budget 2024 साउथ ईस्टर्न सेंट्रल रेलवे मध्य भारत के चार राज्यों में स्थापित है. छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और ओड़िशा के कुछ भाग में इसकी सीमा निर्धारित है. रेलवे बोर्ड को सबसे ज्यादा रेवेन्यू देने वाला साउथ ईस्टर्न सेंट्रल रेलवे ही है. इसके अलावा जोन के तीनों मंडल बिलासपुर, रायपुर और नागपुर में बिलासपुर मंडल हर साल रेवेन्यू देने के मामले में नंबर वन रहता है. लेकिन सुविधाओं की यदि बात करें तो वैसी सुविधा यात्रियों को नहीं मिलती जैसी उनको मिलनी चाहिए. इसलिए इस बार यात्रियों को रेल बजट से काफी उम्मीदें हैं.

Rail budget 2024
एसईसीआर को रेल बजट से है काफी उम्मीद

बिलासपुर : हर साल आम बजट के साथ ही रेल बजट आता है. इस लोकसभा चुनाव से पहले आम बजट आएगा.जिसे लेकर बिलासपुर के रेल यात्रियों को काफी उम्मीदें हैं. छत्तीसगढ़ की लाइफ लाइन ट्रेन ही है . यहां माल लदान से लेकर कोयला, बॉक्साइट, डोलोमाइट, एलमुनियम और अन्य सामान की लदान का मुख्य साधन ट्रेन है. इसलिए सबसे ज्यादा जोन को रेवेन्यू देने वाला बिलासपुर मंडल और रायपुर मंडल है. वैसे तो रेलवे बोर्ड ने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे को कई विशेष सुविधा दे रखी है.जिसके तहत 342 ट्रेनों का परिचालन किया जाता है. ट्रेनों का परिचालन के साथ ही रेल विकास और अन्य सुविधा भी बेहतर किए जा रहे हैं. रेल बजट को लेकर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों की कई उम्मीदें हैं, इसके अलावा विभाग भी कुछ उम्मीदें पाल रखा है जो इस रेल बजट में पूरी होने की उम्मीद की जा रही है.



मुंगेली रेलवे लाइन का तीन दशक से इंतजार :बिलासपुर रेल मंडल से बिलासपुर मुंगेली बालाघाट होते हुए कटनी लाइन के लिए पिछले 30 साल से रेलवे लाइन की मांग क्षेत्रवासी कर रहे हैं. कई बार इस मुद्दे को लेकर जन आंदोलन भी हुए. रेलवे बोर्ड ने इसकी स्वीकृति भी दे दी . लेकिन राज्य सरकार और रेलवे अधिकारियों के बीच आपसी समन्वय नहीं होने की वजह से ये रेल लाइन अटकी है. राज्य सरकार के अधिकारी रेलवे के अधिकारियों को दोष देते हैं कि वह जमीन अधिग्रहण के मामले में उनका साथ नहीं दे रही. वहीं रेलवे अधिकारी इस मामले में कहते हैं कि राज्यांश नहीं मिलने की वजह से रेल लाइन विस्तार नहीं हो पा रहा है.


एक और वंदे भारत मिलने की उम्मीद :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी वंदे भारत ट्रेन का परिचालन पिछले साल दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने शुरू किया है. इसके लिए पहले वंदे भारत बिलासपुर से नागपुर के बीच चल रही है. वहीं एक और वंदे भारत ट्रेन की मांग हो रही है. इस वंदे भारत को बिलासपुर से झारसुगुड़ा तक चलाई जाने की मांग की जा रही है. नागपुर से बिलासपुर के बीच 130 किलोमीटर की रफ्तार से वंदे भारत एक्सप्रेस चल रही है.इसका सीधा फायदा छत्तीसगढ़ के लोगों को हो रहा है. वहीं ओड़िशा के झारसुगुड़ा और रायपुर तक के लिए नई वंदे भारत ट्रेन चलाई जाएगी तो इससे दोनों राज्यों के यात्रियों को लाभ मिलेगा. उम्मीद की जा रही है इस रेल बजट में नई वंदे भारत ट्रेन मिल सकती है.

स्पेशल कैटेगरी से हटाया जाए पैसेंजर ट्रेन :कोरोना काल के दौरान पैसेंजर ट्रेनों को स्पेशल कैटेगिरी में लाकर चलाया जा रहा था. इसमें किराया भी 35 से 40% बढ़ा दी गई थी. कोरोना कल के खत्म होने के बाद भी अब तक ट्रेनों का परिचालन स्पेशल कैटिगरी में किया जा रहा है. पैसेंजर ट्रेनों को पिछले 3 सालों से स्पेशल बनाकर ही चला रहे हैं. जिससे आम यात्रियों को सुविधाएं तो वही मिल रही है, लेकिन टिकट किराया में बढ़ोतरी की वजह से उनकी जेब हल्की हो रही है.


किन चीजों का है इंतजार ? :दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के यात्रियों को कई योजनाओं और सुविधाओं का इंतजार है, जिनमें प्रमुख रूप से अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत स्टेशन के होने वाले विकास. कटघोरा कवर्धा डोंगरगढ़ के बीच 295 किलोमीटर की नई रेल लाइन. बिलासपुर नागपुर के बीच मेल, एक्सप्रेस को 130 किलोमीटर की रफ्तार से चलने की मांग. छत्तीसगढ़ को मिले दूसरे बंदे भारत एक्सप्रेस. उसलापुर स्टेशन से यात्री सुविधाओं को विस्तार. एयरपोर्ट जाने के लिए चकरभाठा स्टेशन में ट्रेनों का स्टॉपेज. पैसेंजर ट्रेनों को स्पेशल बनाकर नहीं चलाने का फैसला. अलग-अलग क्षेत्र में अंडर ब्रिज और ओवर ब्रिज का निर्माण. देश के दूसरे राज्यों तक नई ट्रेनों का परिचालन जैसे कई मांग हो रहे हैं जिसका इंतजार हो रहा है.

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