पटना: प्रदेश के सरकारी विद्यालयों का संचालन सुबह 6:00 से 12:00 के बीच हो रहा है और शिक्षकों की छुट्टी 1:30 बजे हो रही है. शिक्षा विभाग के इस आदेश पर प्रदेश के शिक्षक काफी आक्रोशित हैं. प्राथमिक शिक्षक संघ ने शिक्षा विभाग के फैसले के विरोध में 24 मई को काली पट्टी बांधकर विद्यालयों में शैक्षणिक काम करने का ऐलान किया है.
तालाबंदी करने की चेतावनीः संघ ने कहा है कि सरकार अपने इस फरमान को वापस लेते हुए सुबह 6:30 बजे से 11:30 बजे तक विद्यालय का संचालन करने का फैसला नहीं लेती है तो आगे फिर शिक्षक विद्यालयों में तालाबंदी करेंगे. बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष बृजनंदन शर्मा ने इस संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र भी लिखा है. पत्र में कहा है कि विद्यालय संचालन हेतु पूर्व से बनाई गई नियमावली की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, जिससे अराजकता का माहौल बनता जा रहा है.
"जिस तरह से शिक्षा विभाग द्वारा लगातार शिक्षकों के विरुद्ध तुगलकी फरमान जारी किया जा रहा है, उससे ऐसा प्रतीत होता है की विभाग के आला अधिकारी ने पूरी तरह मानसिक संतुलन को दिया है."- बृजनंदन शर्मा, अध्यक्ष, बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ
सरकार चुपचाप बैठी हैः बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री को उपर्युक्त संदर्भ में कई मर्तबा पत्र दिया गया है. अब तक उनके द्वारा अपने स्तर से कोई समुचित कार्रवाई नहीं की गई जो दुखद है. कनीय लोगों द्वारा चाहे विद्यालय के निरीक्षण का मामला हो ग्रीष्मावकाश में भी विद्यालय के खोलने का मामला हो चाहे विद्यालय संचालन का समय 9:00 से 5:00 तक करने का मामला हो, या फिर वर्तमान में ग्रीष्म अवकाश समाप्त होने के उपरांत विद्यालय का समय प्रातः 6:00 बजे से 12:00 तक करने एवं शिक्षक के लिए 1:30 बजे तक विद्यालय में रहने की बाध्यता. सरकार चुपचाप बैठी है.