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ग्राउंड रिपोर्ट : देख लीजिए केके पाठक जी, कड़ाके की ठंड में विद्यालय आने से बच्चे परेशान, अभिभावक भी हैं नाराज

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 24, 2024, 5:08 PM IST

Cold Weather In Madhubani: मधुबनी में शिक्षा विभाग के निर्देश पर स्कूलों को खोल दिया गया है. जिससे कड़ाके की ठंड में बच्चे स्कूल आने को मजबूर हैं. इसको लेकर अभिभावकों ने विभाग पर नाराजगी जाहिर की है. उनका कहना है कि इतनी ठंड में स्कूल जाने से बच्चों की तबीयत बिगड़ जाएगी. पढे़ं पूरी खबर.

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मधुबनी:बिहार में शीत लहरका प्रकोप जारी है. कड़ाके की ठंड से लोग काफी परेशान हैं. एक तरफ जहां मौसम विभाग लोगों को घरों में रहने की सलाह दे रहा है, तो वहीं शिक्षा विभाग बच्चों को इतनी ठंड में भी स्कूल बुला रहा है. एसीएस केके पाठक के निर्देश के बाद मधुबनी के जिलाधिकारी ने स्कूलों को खोलने का आदेश दिया है. बच्चे ठिठुरती ठंड में स्कूल जा रहे हैं.

कड़ाके की ठंड में बच्चे परेशान: बिहार के अन्य जिलों के साथ मधुबनी में कई दिनों से धूप भी सही से नहीं निकल रही है. लेकिन शिक्षा विभाग ने बच्चों को स्कूल आने का निर्देश दिया है. नाम कटने के डर से अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेज भी रहे हैं. लेकिन उनका कहना है कि बच्चे ठंड का शिकार हो सकते हैं, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ जाएगी.

ठंड में स्कूल आने को मजबूर बच्चे

स्कूल प्रबंधन ने क्या कहा?: इस मामले पर राजकीय मध्य विद्यालय झंझारपुर स्कूल के प्रभारी प्रधानाचार्य ने कहा कि 'विभाग की तरफ से स्कूल खोलने का निर्देश दिया गया है. जिससे हम मजबूर हैं. स्कूल में नीचे बैठकर भी बच्चे पढ़ते हैं. ऐसे में उनकी तबीयत बिगड़ सकती है. इसलिए बच्चों को ऊनी कपड़ पहन कर आने को कहा गया है. हालांकि स्कूल में बच्चों की संख्या 50 प्रतिशत से भी कम है.'

बच्चों के शरीर पर स्वेटर नहीं: गौरतलब है कि सरकारी स्कूल में ऐसे बच्चे पढ़ते हैं, जो आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं. ऐसे में उनके पास ठंड से बचने के लिए सही से कपड़े तक नहीं होते. जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने स्कूलों का जायजा लिया तो कई बच्चे बिना स्वेटर के नजर आए. ऐसे में अभिभावकों ने विभाग पर बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ करने का आरोप भी लगाया है.

"जिला प्रशासन को विद्यालय बंद करवाने की जरूरत है. ताकि बच्चे की स्वास्थ्य पर असर न पड़े. यहां कड़ाके की ठंड है. नाम कटने के डर से बच्चों को ना चाहते हुए भी स्कूल भेजना पड़ रहा है. कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है."- मुरारी कुमार, अभिभावक

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