सरगुजा: सावन माह भगवान शिव को समर्पित मास है. इस पूरे माह भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. सावन माह में शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. सरगुजा संभाग में कहां-कहां प्राचीन शिवालय है? आज हम आपको इसकी जानकारी देने जा रहे हैं. वैसे तो हर गांव मोहल्ले में भगवान शिव का मंदिर मिलता है, लेकिन प्राचीन मान्यताओं से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण शिवालयों की जानकारी हम आप तक पहुंचा रहे हैं.
ये शिवमंदिर है खास:इस बारे में अधिक जानकारी के लिए ईटीवी भारत ने धार्मिक और पुरातात्विक महत्व के स्थानों पर शोध करने वाले साहित्यकार अजय कुमार चतुर्वेदी से बातचीत की. उन्होंने बताया कि" सरगुजा अंचल के प्रमुख शिव धाम जहां सावन मास में जलाभिषेक के लिए कांवरियों का तांता लगता है. इनमें से सबसे महत्वपूर्ण अम्बिकापुर का शंकरघाट, प्रतापपुर का शिवपुर, जशपुर में कैलाश गुफा और सरगुजा में ही देवगढ़ है. अम्बिकापुर के शंकर घाट में शिव मंदिर, नदी का किनारा, श्मशान घाट, वट वृक्ष, पीपल वृक्ष एक साथ होने के कारण इसे गंगा का स्थान माना गया है. इसलिए सावन में हजारों कांवरिया यहीं से जल उठाते हैं, और जशपुर जिले के कैलाश गुफा में 80 किलोमीटर पैदल चलकर अभिषेक करते हैं."
"शिवपुर में अर्धनारीश्वर जालेश्वर शिवलिंग हैं. यहां पहाड़ से निकलने वाला पानी शिव अभिषेक करते हुए आगे बहता है. मान्यता है कि भगवान राम ने वनवास काल मे इनकी स्थापना की थी. वहीं, देवगढ़ में महाशिवरात्रि और सावन में भी हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंचती है, जिस कारण वहां मेले का आयोजन किया जाता है.":अजय कुमार चतुर्वेदी, साहित्यकार
सूरजपुर के शिव मंदिरों के बारे में जानिए
- अर्द्धनारीश्वर जलेश्वर नाथ शिवलिंग पहाड़ों की पीठ पर ये शिव मंदिर है. ये शिवपुर में पड़ता है.
- प्रतापपुर का पारदेश्वर शिवलिंग काफी प्रसिद्ध है.
- ओडगी में पहाड़ी के ऊपर भोड़िया बाबा एक प्रसिद्ध शिवधाम है, यहां पत्थर की गुफा में शिवलिंग है.
- चुरूवा पहाड़ पर घटोरिया नामक जगह पर घटोरिया शिव मंदिर है.
बलरामपुर-रामानुजगंज के खास शिव मंदिर
- तातापानी के शिव मंदिर में सावन माह में शिवभक्तों का तांता लगा रहता है.
- रामानुजगंज में कन्हर नदी के तट पर शिव मंदिर स्थित है. यहां पूरे सावन माह भक्तों की भीड़ उमड़ती है.
- परसापानी शिव मंदिर शंकरगढ़ में है. यहां भी सावन में भक्तों का जमावड़ा लगता है.