मंगला गौरी व्रत 2024 के बारे में जानिए (ETV Bharat)
रायपुर: सावन माह के मंगलवार को मंगला गौरी का व्रत रखा जाता है. मंगला गौरी व्रत के दिन मां भगवती दुर्गा जी की पूजा-अर्चना की जाती है. मंगला गौरी के दिन व्रत भी रखा जाता है. वैसे तो सावन का महीना भगवान भोलेनाथ को समर्पित है. सोमवार को शंकर जी की पूजा करने का विधान है, लेकिन मंगलवार के दिन मंगला गौरी का व्रत रखकर जातक मां भगवती और मां दुर्गा की पूजा आराधना करते हैं.
सावन महीने के मंगलवार को किया जाता है व्रत: इस बारे में रायपुर के महामाया मंदिर के पुजारी पंडित मनोज शुक्ला ने बताया, "मंगला गौरी का व्रत सावन के महीने में जितने भी मंगलवार पड़ेंगे, उस दिन मनाया जाएगा. इस दिन मां भगवती दुर्गा जी की पूजा आराधना की जाती है. मां भगवती दुर्गा जातक की सभी मनोकामनाएं और इच्छाओं को पूरी करती है. यह व्रत सावन के महीने में ही हर मंगलवार को किया जाता है."
इस साल इसकी शुरुआत 23 जुलाई मंगलवार से हो रही है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन माह में आने वाले हर मंगलवार को मां गौरी की पूजा का विधान है. इस व्रत को सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास माना गया है. आज के दिन सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य, पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए इस व्रत को रखती हैं. कुंवारी कन्याएं भी यह व्रत रखती हैं. ऐसे में कुछ खास उपाय करने से वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है. -पंडित मनोज शुक्ला, पुजारी, महामाया मंदिर, रायपुर
मंगला गौरी व्रत के दिन करिए ये काम
यदि किसी व्यक्ति के विवाह में समस्या आ रही है तो वह मंगला गौरी व्रत के शुभ दिन पर एक मिट्टी का खाली पत्र बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें. ऐसा करने से शीघ्र विवाह के योग बन सकते हैं.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मंगला गौरी व्रत की पूजा के बाद गरीब और जरूरतमंदों को दान करना चाहिए. इस दौरान लाल रंग के वस्त्र का भी दान कर सकते हैं. ऐसा करने से कुंडली में मंगल ग्रह मजबूत होता है.
मंगला गौरी व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास माना गया है. इस दिन जरूरतमंद लोगों को शहद का दान करना चाहिए. महादेव की पूजा करने से ऐसा माना जाता है कि इससे दांपत्य जीवन सुख में रहता है.
मंगला गौरी व्रत की पूजा के दौरान ओम गौरी शंकराय नमः मंत्र का 21 बार जाप करना चाहिए. ऐसा करने से कुंडली में मंगल दोष दूर होता है.
इस व्रत के दिन माता पार्वती और शिव जी की पूजा आराधना करने के बाद ब्राह्मणों को भोजन करना चाहिए. कहते हैं कि इससे शिवजी और पार्वती माता की कृपा हमेशा बनी रहती है.