गोपालगंजःसावन माह भगवान शिव को काफी प्रिय होता है. यही कारण है कि इस पूरे महीने शिव मंदिरों और शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है. हर कोई इस पावन महीने में भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक करते हुए नजर आ जाते हैं. बिहार में कई ऐसे शिवालय और शिव लिंग आज भी मौजूद हैं, जो अपने आप में इतिहास को समेटे हुए हैं. इससे कई पौराणिक मान्यता भी जुड़ी हैं. इसी में शामिल है गोलापालगंज का आधा कटा हुआ शिवलिंग.
400 साल पुराना इतिहासः दरअसल हम बात कर रहे हैं जिले के मांझागढ़ प्रखंड के दानापुर शिव मंदिर की. इसकी कहानी अद्भुत और रहस्यमयी है. इस शिवलिंग से जुड़ी एक रोचक घटना चार सौ वर्ष पूर्व घटी थी. जब एक किसान अपने खेत में खेती कर रहा था, तभी अचानक उसका कुदाल शिवलिंग पर लग गया. शिवलिंग से खून की धारा बहने लगी थी. इस चमत्कारी घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी थी. आज भी प्रमाण के तौर पर आधा कटा हुआ शिवलिंग है.
हाथी भी नहीं हिला पाया शिवलिंगः शिवलिंग की घटना के बारे में सुनकर मांझागढ़ के राजा भी पहुंचे. उन्होंने इस अलौकिक शिवलिंग को अपने किला में ले जाने का फैसला किया. इसके लिए पहले उन्होंने मजदूरों से शिव लिंग उठाकर किला के पास लाने का आदेश दिया लेकिन मजदूरों ने शिवलिंग नहीं उठ सका. तब उन्होंने हाथियों का उपयोग करने का आदेश दिया. कई हाथियों को लगाकर शिवलिंग को खींचने का प्रयास किया गया, लेकिन सभी प्रयास विफल रहे.
"इस मंदिर का इतिहास 400 साल पुराना है. माना जाता है कि कुदाल लगने के कारण शिवलिंग खंडित हो गया था. उस दौरान शिवलिंग से खून की धारा बहने लगी थी. राजा को जब पता चला तो वह शिवलिंग को लेने के लिए पहुंचा. मजदूर, हाथी, घोड़ा सबने पूरी ताकत लगा ली लेकिन शिवलिंग को नहीं हिला सका. बिहार के साथ साथ यूपी के श्रद्धालु भी यहां आते हैं."-अशोक साह, केयर टेकर