सतना :सतना व मैहर में खुले आसमान के नीचे रखे धान के बोरे बारिश की चपेट में आ गए. लाखों क्विंटल धान भीग चुकी है. ये हालत तब है, जब मौसम विभाग ने बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया था. शनिवार को सतना व मैहर जिले में सुबह से अचानक मौसम ने करवट ली और तेज हवाओं के साथ बारिश शुरू हो गई. बारिश की वजह से लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. बारिश की वजह से सतना व मैहर जिलों में बनाए गए धान खरीदी केंद्रों की पोल खुल गई.
सतना व मैहर जिले के खरीद केंद्रों पर सैकड़ों धान के बोरे बारिश को समर्पित - SATNA AND MAIHAR HEAVY RAIN
सतना व मैहर में बारिश का दौर जारी. दोनों जिलों के खरीद केंद्रों पर खुले में रखे धान के बोरे बारिश की भेंट चढ़े.
![सतना व मैहर जिले के खरीद केंद्रों पर सैकड़ों धान के बोरे बारिश को समर्पित Satna and Maihar heavy rain](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/28-12-2024/1200-675-23209928-thumbnail-16x9-stna-aspera.jpg)
By ETV Bharat Madhya Pradesh Team
Published : Dec 28, 2024, 2:35 PM IST
सतना व मैहर खरीद केंद्रों पर खुले में लाखों क्विटंल धान रखी है. मौसम विभाग की चेतावनी के बाद भी जिम्मेदारों ने ठोस इंतजाम नहीं किए. शनिवार सुबह हुई बारिश से सतना और मैहर जिलों के कई खरीद केंद्रों पर रखी धान भीग गई. इस मामले पर मैहर एसडीएम विकास सिंहने बताया "मैहर जिले में करीब 47 खरीदी केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें अभी तक करीब 5 क्विंटल धान खरीदी हो चुकी है. शनिवार सुबह से तेज बारिश होने की वजह से दो खरीदी केंद्र घुसेड़ी ग्राम और बेरमा ग्राम पर कुछ धान भीगी है. प्रशासन द्वारा इसके लिए पहले की व्यवस्था की गई थी, लेकिन इन ग्रामों में जो खरीदी केंद्र बने हैं, वहां पर चबूतरे नहीं हैं." एसडीएम विकास सिंह का कहना है कि टीम ने मौके का निरीक्षण किया है और इसके लिए उचित व्यवस्था कराई जा रही है.
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दोनों जिलों में 11 लाख क्विंटल धान का परिवहन बाकी है
बता दें कि सतना जिले में करीब 106 धान खरीदी केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें से करीब 66 गोदाम स्तरीय खरीदी केंद्र है और 40 समिति स्तरीय यानी खुले आसमान के नीचे खरीदी केंद्र बनाए गए हैं. सतना जिले में सभी केंद्रों में करीब अभी तक 11 लाख क्विंटल धान का परिवहन नहीं किया गया है. इस कारण बारिश में लाखों क्विंटल धान भीग चुकी है. मैहर जिले में करीब 47 खरीदी केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें करीब 5 लाख क्विंटल धान खुले आसमान के नीचे रखी हुई है. बारिश के कारण लाखों क्विंटल धान भीग गई.