बाराबंकी/लखनऊ:खेतों में पराली जलाने को लेकर शासन-प्रशासन द्वारा की जा रही कार्यवाही और पराली जलाने से होने वाले नुकसान को लेकर जागरूकता अभियान चलाये जाने के बावजूद भी कुछ लापरवाह किसान ऐसे हैं, जिन्हें इसकी कोई भी परवाह नहीं. कम से कम बाराबंकी में तो कुछ ऐसा ही नजर आ रहा है. तीन दिनों के अंदर सेटेलाइट से जिले में पराली जलाने की 31 घटनाएं सामने आई, तो प्रशासन में हड़कम्प मच गया. स्थलीय सत्यापन हुआ तो 16 घटनाओं की पुष्टि हुई बाकी कूड़ा करकट जलाने की घटनाएं सामने आई. प्रशासन ने ऐसे 67 लापरवाह किसानों से 25-25 सौ रुपयों के हिसाब से 01 लाख 75 हजार रुपये जुर्माना वसूला है.
बताते चलें कि पराली जलाने की सेटेलाइट के जरिये 11 अक्टूबर को 04 घटनाएं,12 अक्टूबर को 08 घटनाएं और 13 अक्टूबर को 19 घटनाएं सामने आई तो कृषि विभाग में हड़कम्प मच गया. इन घटनाओं का क्षेत्रीय अधिकारियों से जब स्थलीय परीक्षण कराया गया तो 16 घटनाओं की पुष्टि हो गई.इसके अलावा 13 घटनाएं कूड़ा करकट जलाने की पाई गई जबकि 02 घटनाएं जिले के बाहर की मिली.अधिकारियों ने जांच पड़ताल की तो 67 किसानों की लापरवाही सामने आई.खास बात यह कि ये सारी घटनाएं फतेहपुर तहसील की हैं.किसानों की इस लापरवाही पर प्रत्येक किसान से प्रशासन ने 25-25 सौ रुपये जुर्माना वसूला है.
एक ही तहसील में इतनी घटनाएं देख विभाग की बढ़ी चिंता:उप कृषि निदेशक श्रवण कुमार ने बताया कि जिले में कुल 06 तहसीलें हैं. ये घटनाएं फतेहपुर तहसील की हैं. उंन्होने बताया कि तहसील फतेहपुर क्षेत्र में धान की खेती एडवांस में की जाती है.यहां धान की कटाई शुरू हो गई है लिहाजा लापरवाह किसान खेतों में ही पराली जलाने लगे हैं.उप कृषि निदेशक ने चिन्ता जाहिर की कि अभी दूसरी तहसीलों में धान की कटाई शुरू नही हुई है,अगर सभी तहसीलों में धान कटाई शुरू हुई तो हालात और खराब होंगे.
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अधिकारियों ने की बैठक :पराली जलाने की घटनाओं से चिंतित प्रशासन ने सोमवार को सीडीओ अन्ना सुदन की अध्यक्षता में विकास खण्ड परिसर फतेहपुर के सभागार कक्ष में जिला पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य तथा सम्बन्धित जनपद, तहसील व विकास खण्डस्तरीय अधिकारियों के साथ पराली जलाने की घटनाओं के सम्बन्ध में विस्तृत बैठक की.इस दौरान अधिकारियों ने पराली जलाने से होने वाले नुकसानों से अवगत कराया गया.
पराली न जलाने का विकल्प :उप कृषि निदेशक श्रवण कुमार ने किसानों से अपील की कि वे पराली न जलाएं.उंन्होने इसका विकल्प बताते हुए कहा कि जिले में रिलायन्स इण्ड्रस्टीज स्थापित है जो पराली खरीद रहे हैं.इस पराली से ये इंडस्ट्री बायो फ्यूल तैयार करती है. उंन्होने किसानों से कहा कि रिलायंस इंडस्ट्री व अन्य बायो फ्यूल सर्कल के कर्मचारी आपसे आपके फसल अवशेष को ले जायेगे तथा उस अवशेष के बदले आपको निर्धारित धनराशि भी देंगे.
अधिकारियों ने भ्रमण में पाई किसानों की लापरवाही :बैठक के बाद उप कृषि निदेशक श्रवण कुमार,जिला कृषि अधिकारी राजित राम,एसडीएम फतेहपुर राजेश विश्कवकर्मा,सीओ फतेहपुर जगत कनौजिया,ज्ञान सिंह, प्रबन्धक रिलायन्स, सी0बी0जी0 प्लान्ट बाराबंकी तथा पुलिस बल के साथ पूरी टीम ने संयुक्त रूप से विकास खण्ड फतेहपुर का भ्रमण किया.भ्रमण के दौरान प्रशासन द्वारा 06 कम्बाइन हार्वेस्टर को बिना एस0एम0एस0 के कटाई करते हुए पकडे जाने पर सीज कर दिया गया तथा कई किसानो के द्वारा खेतो में पराली जलायी जा रही थी जिसको मौके पर जाकर टीम द्वारा बुझाया गया तथा कुछ किसानो द्वारा भ्रमण के समय व्यवधान उत्पन्न किया जा रहा था जिसमें 12 कृषको के विरूद्ध पुलिस प्रशासन द्वारा धारा 107/16 के तहत मुकदमा भी दर्ज कराया गया है.
पराली जलाने पर क्या है प्रावधान: अगर दो एकड़ तक के खेत में पराली जलाते हुए किसान पकड़ा गया तो उससे जुर्माने के तौर पर 2500 रुपये वसूला जाएगा,वहीं 2 एकड़ से 5 एकड़ तक पराली जलाने पर 5000 हजार से लेकर 15000 रुपये तक जुर्माना लग सकता है. पराली जलाने को लेकर राजस्व विभाग सैटेलाइट से निगरानी रखते हैं. यदि कहीं किसान पराली जल रहा होते हैं, तो उन्हें सैटेलाइट की मदद से पता चल जाता है. मौके पर पहुंचकर अधिकारी एक्शन लेते हैं.