लखनऊ: Lok Sabha Elections 2024:समाजवादी पार्टी में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए टिकट बंटवारे में जमकर खींचतान जारी है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कई सीटों पर प्रत्याशी घोषित होने के बाद उनके नाम काटकर दूसरे नेताओं को टिकट देने का घटनाक्रम लगातार जारी है.
इससे समाजवादी पार्टी के नेतृत्वकर्ताओं की सोच और नामांकन के आखिरी दिनों में भी प्रत्याशी बदलने को लेकर हो रही कवायद से कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. मुरादाबाद रामपुर नोएडा जैसी प्रमुख सीटों पर प्रत्याशी चयन को लेकर समाजवादी पार्टी के अंदर से लेकर बाहर तक चल रही थी. खींचतान सार्वजनिक हो चुकी है.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव आज दिनभर पार्टी मुख्यालय पर प्रत्याशी चयन और जिन सीटों पर प्रत्याशियों के नाम बदले गए हैं, उनको लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से लगातार फीडबैक लेते रहे. आज भी उन्होंने कई सीटों पर अपने उम्मीदवारों को बदलने का काम किया है.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज गौतमबुद्धनगर से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को एक बार फिर बदल दिया. सपा ने यहां से महेंद्र नागर को अपना पहला प्रत्याशी घोषित किया था. लेकिन, बाद में उनका नाम काटकर दूसरे सपा के नेता राहुल अवाना को उम्मीदवार बनाया गया था.
सूत्रों का दावा है कि राहुल अवाना को उम्मीदवार बनाए जाने के पीछे सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव की भूमिका बताई जा रही थी. लेकिन, जब स्थानीय स्तर पर राहुल अवाना को टिकट देने का विरोध हुआ तो अखिलेश को बैकफुट पर आना पड़ा और फिर से पूर्व में घोषित प्रत्याशी महेंद्र नागर को ही चुनाव लड़ने की हरी झंडी दी गई.
सूत्रों का कहना है कि महेंद्र नागर और राहुल अवाना के बीच जमकर गुटबाजी चल रही थी, जिसकी वजह से टिकट काटे गए. समाजवादी पार्टी के अंदर प्रत्याशी चयन को लेकर जमकर बवाल जारी है. मुरादाबाद रामपुर में सपा के वरिष्ठ नेता पश्चिम उत्तर प्रदेश के मुस्लिम चेहरे आजम खान और अखिलेश यादव के बीच जारी तनातनी भी सार्वजनिक हो चुकी है.
रामपुर में समाजवादी पार्टी ने पहले अपने वर्तमान सांसद एसटी हसन को प्रत्याशी घोषित किया था. लेकिन, बाद में आजम खान की हस्तक्षेप के बाद आजम के करीबी रुचि वीरा को प्रत्याशी बनाया गया, जबकि आजम खान चाहते थे उनके गढ़ रामपुर में उनके चाहते आसिम रजा को उम्मीदवार बनाया जाए.
लेकिन, अखिलेश यादव ने रामपुर सीट पर मुस्लिम समाज से आने वाले बड़े नेता मोहिबुल्लाह नदवी को प्रत्याशी बनाने का फैसला किया, जिसके बाद आजम खान की नाराजगी सार्वजनिक रूप से बाहर आ चुकी है. यही नहीं आजम खान के इशारे पर रामपुर में चुनाव के बहिष्कार का भी ऐलान किया गया और आसिम रजा की तरफ से नामांकन पत्र भी दाखिल किया गया. हालांकि, नामांकन दाखिल होने के बाद पत्रों की जांच में आसिम रजा का पर्चा खारिज हो गया.