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काशी और मथुरा में भव्य मंदिर के निर्माण के लिए संत की कठिन साधना, दंडवती परिक्रमा कर पहुंचे संगम नगरी

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है. भव्य मंदिर का निर्माण भी चल रहा है. इसी कड़ी में अमेठी के संत ने काशी और मथुरा में भी मंदिर के निर्माण के लिए बड़ा संकल्प (Prayagraj Saint Dandavati Parikrama) लिया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 10, 2024, 8:45 AM IST

अमेठी के संत दंडवती परिक्रमा कर पहुंचे संगम नगरी.

प्रयागराज :संगम नगरी में चल रहे माघ मेले में तमाम श्रद्धालु और साधु-संतों की भीड़ लगी है. इसी कड़ी में एक संत चक्रवर्ती दंडवती परिक्रमा करते संगम नगरी पहुंचे. संत ने बताया कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर उनका संकल्प था. अब वह काशी और मथुरा में भी भव्य मंदिर के निर्माण को लेकर कठोर व्रत कर रहे हैं. इसी संकल्प को लेकर वह दंडवती परिक्रमा कर रहे हैं. वहीं संगम नगरी पहुंचने पर संत समाज ने फूल बरसाकर उनका स्वागत किया.

संगम नगरी में रेती पर बसे देश के सबसे बड़े धार्मिक आध्यात्मिक माघ मेले के तीसरे मुख्य स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर संगम तट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. माघ मेले में देश के कोने-कोने से साधु-संत पहुंचे हैं. वे गंगा में डुबकी लगाते हुए स्नान कर मोक्ष की कामना कर रहे हैं. इस बीच विश्वकल्याण की कामना को लेकर माघ मेले में आए साधु-संत कई तरह की कठिन साधना भी करते नजर आ रहे हैं. इन्हीं में से एक अमेठी से आए संत परमहंस आश्रम अमेठी गौरीगंज के पीठाधीश्वर अभय चैतन्य ब्रह्मचारी शिव योगी मौनी महाराज भी हैं. शिव योगी मौनी महाराज अयोध्या में भव्य राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब काशी और मथुरा में भव्य मंदिर के निर्माण की कामना को लेकर चक्रवर्ती दंडवती परिक्रमा कर रहे हैं. शिव योगी मौनी महाराज ने बताया कि मौनी अमावस्या के पर्व पर आज उन्होंने 798वीं बार चक्रवर्ती दंडवती परिक्रमा की है.

कैसे करते हैं चक्रवर्ती दंडवत परिक्रमा :चक्रवर्ती दंडवती परिक्रमा कठिन साधना है. माघ मेले में स्थित अपने शिविर से लेटकर -पलटते हुए संत संगम पर पहुंचकर गंगा में स्नान करते हैं. अपने शिष्यों के साथ जल में ही खड़े होकर हवन और मां गंगा की आरती भी करते हैं. जिस वक्त मौनी महाराज चक्रवर्ती परिक्रमा करते हैं, उस समय उनके भक्त और शिष्य रास्ते में फूल बिछाते हैं. कुछ भक्त रास्ते को साफ करते रहते हैं, जिससे उनके शरीर में कुछ चुभे नहीं. मौनी महाराज ने अयोध्या की तरह ही काशी और मथुरा में मंदिर निर्माण की कामना की. उन्होंने गंगा स्नान कर राष्ट्र की रक्षा, एकता, अखंडता और आतंकवाद के नाश के लिए मां गंगा, यमुना और सरस्वती से प्रार्थना की. मौनी महाराज के मुताबिक यह कठिन साधना है.

37 साल के कर रहे परिक्रमा :शिव योगी मौनी महाराज ने बताया कि वह पिछले 37 वर्षों से लगातार यह परिक्रमा करते आ रहे हैं. उनका कहना है कि उन्होंने मां गंगा और यमुना से देश व प्रदेश के लोक मंगल व जन कल्याण की कामना हमेशा की है. प्रमुख स्नान पर्वों पर इसी तरह से चक्रवर्ती दंडवती परिक्रमा करने का उनका संकल्प है. मौनी महाराज ने बताया कि वह पिछले 42 वर्षों से अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण और काशी, मथुरा की मुक्ति के लिए अनुष्ठान और दीपदान करते आ रहे हैं. उनका दावा है कि 37 सालों में 5400 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक वो इसी प्रकार से परिक्रमा कर चुके हैं. अब काशी, मथुरा में भव्य मंदिर के निर्माण के पूरा होने तक उनकी यह साधना जारी रहेगी.

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