सहारनपुर :पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल की बेनामी संपत्ति अपनी पत्नी व परिचित के नाम कराने के मामले में निलंबित इंस्पेक्टर नरेश कुमार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. इस एक्शन के बाद से पुलिस महकमे में खलबली मची है. जल्द ही आरोपी इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी भी हो सकती है. एसएसपी रोहित सिंह सजवाण के आदेश पर इंस्पेक्टर के खिलाफ कल ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में थाना सदर बाजार में मुकदमा दर्ज किया गया था.
साल 2023 में मिर्जापुर में कोतवाली प्रभारी रहते हुए इंस्पेक्टर ने अपने पद का दुरुपयोग किया था. जांच में पता चला है कि इंस्पेक्टर नरेश कुमार को जैसे ही हाजी इकबाल की बेनामी संपत्ति की जानकारी हुई, वह लालच में आ गया. चूंकि उस दौरान हाजी इकबाल के बेटे और भाई जेल में थे. जबकि हाजी इकबाल फरार चल रहा था. पत्नी भी अंडरग्राउंड थी. लिहाजा इंस्पेक्टर को लगा कि यही सही मौका है जमीन हथियाने का.
इंस्पेक्टर नरेश कुमार मिर्जापुर में कोतवाली प्रभारी के पद पर तैनात थे. आरोप है कि तैनाती के दौरान पूर्व बसपा एमएलसी एवं खनन माफिया हाजी इकबाल के फैजाबाद निवासी परिचित इरशाद रावत और बादशाही बाग निवासी महबूब उनके संपर्क में आए. इनके जरिए नरेश कुमार ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए श्रवण व रोशनलाल की 49 बीघा जमीन जबरन अपनी पत्नी राजरानी व एक परिचित विजय कुमार के नाम करा ली. इस आरोप के बाद तत्कालीन एसएसपी डॉ. विपिन ताड़ा ने इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया था. जांच एसपी ग्रामीण सागर जैन को सौंपी थी.
पुलिस के मुताबिक उस समय विक्रेता रोशनलाल ने आरोप लगाया था कि दोनों जमीनों के विक्रय पत्र की 15 लाख रुपये की धनराशि उसके खाते में जमा कराने के बाद उसे जबरन किसी अन्य खाते में ट्रांसफर करा लिया गया. एसपी ग्रामीण द्वारा की गई जांच में बैंक खातों से धन के आदान-प्रदान के आरोप सही पाए गए हैं. एसपी द्वारा की गई निष्पक्ष जांच में यह भी पता चला कि यह संपत्ति पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल की बेनामी संपत्ति का हिस्सा है. जांच में दोषी पाए जाने पर एसएसपी के आदेश पर निलंबित इंस्पेक्टर नरेश कुमार के खिलाफ थाना सदर बाजार में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.