सागर: हाॅकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के शिष्य रहे शहर के जाने माने हाॅकी खिलाड़ी टेकचंद यादव ने आज 85 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया. जाते-जाते उन्होंने ऐसा काम किया कि वो कई पीढ़ियों तक याद किए जाएंगे. उन्होंने बुंदेलखंड मेडिकल काॅलेज के लिए अपनी देहदान कर दी और आज उनके निधन के बाद उनके जानने वालों ने उनकी देह बुंदेलखंड मेडिकल काॅलेज को सौंप दी.
टेकचंद यादव का मेजर ध्यानचंद से रिश्ता
टेकचंद यादव केंट इलाके के रहने वाले थे और सागर स्पोर्टर्स क्लब के लिए हाॅकी खेला करते थे. मेजर ध्यानचंद सागर स्थित महार रेजिमेंट की हाॅकी टीम को प्रशिक्षण देने के लिए सागर आते थे. जब मेजर ध्यानचंद सागर सेना की हाॅकी टीम को ट्रेनिंग देने आए, तो उन्होंने सेना की टीम की प्रेक्टिस के लिए लोकल टीम को बुलाते और दोनों को एक साथ हाॅकी खिलाते थे. इसके लिए उन्होंने बाकायदा एक टीम का गठन किया था. टेकचंद यादव को उन्होंने टीम में भी शामिल किया था. ध्यानचंद टेकचंद यादव के खेल से काफी प्रभावित थे और उन्हें आगे खेलने के लिए प्रेरित करते थे.
पिता की मौत के चलते टेकराम यादव ने 26 साल की उम्र में पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते हाॅकी छोड़ दी थी तब ध्यानचंद जमकर नाराज हुए थे. धीरे-धीरे उनके परिवार का कोई सदस्य नहीं बचा और उन्होनें कैंट इलाके में एक खंडहर नुमा घर को अपना ठिकाना बना लिया. जान पहचान के लोग उनके खाने-पीने और दवा का इंतजाम करते थे.