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दो नेशनल हाईवे गढ़ेंगे पूरे बुंदेलखंड की तस्वीर और तकदीर, तरक्की की राह पर सरपट दौड़ेगा - Bhopal Kanpur Economic Corridor - BHOPAL KANPUR ECONOMIC CORRIDOR

बुंदेलखंड की तकदीर बदलने के लिए सरकारों द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. बुंदेलखंड से होकर गुजरने वाले भोपाल-कानपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है. वहीं नेशनल हाईवे 44 को फोर लेन से 6 लेन करने के लिए प्रस्ताव सरकार के पास भेजा गया है.

BHOPAL KANPUR ECONOMIC CORRIDOR
नेशनल हाईवे बदलेंगे पूरे बुंदेलखंड की तकदीर और तस्वीर (Etv Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 12, 2024, 10:31 PM IST

सागर। वो समय दूर नहीं, जब पिछड़ेपन के लिए मशहूर बुंदेलखंड की तस्वीर और तकदीर बदली हुई नजर आएगी. दरअसल, देश में बिछाए जा रहे सड़कों के जाल के चलते एमपी और यूपी के बुंदेलखंड के विकास की नई इबारत लिखी जाएगी. एक तरह से खेती और मजदूरी पर निर्भर रहने वाला बुंदेलखंड उद्योग और व्यावसाय के लिए जाना जाएगा. अपनी ऐतिहासिक विरासत के साथ, पर्यटन, खनिज संसाधन, वन्यजीव पर्यटन के लिए मशहूर बुंदेलखंड देश के नक्शे पर पिछड़े हुए नहीं बल्कि अग्रणी अंचल के रूप में जाना जाएगा. जो दो नेशनल हाईवे बुंदेलखंड की तस्वीर और तकदीर बदलेंगे उनमें कश्मीर से कन्याकुमारी तक देश को एक सूत्र में पिरोने वाला एनएच 44 है जो देश के बीचों-बीच बसे बुंदेलखंड की तकदीर बदलने का काम कर रहा है. दूसरी तरफ सागर के सहारे भोपाल के जरिए इंदौर और कानपुर को जोड़ने के लिए बनाए जा रहे भोपाल-कानपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर बुंदेलखंड में विकास के नए कीर्तमान गढ़ेगा.

नेशनल हाईवे बदलेंगे बुंदेलखंड की तकदीर (ETV Bharat)

भोपाल-कानपुर कॉरीडोर में बुंदेलखंड बनेगा सेतु

यूपी का कानपुर और मध्य प्रदेश के भोपाल-इंदौर इस भोपाल-कानपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर के जरिए आपस में जुड जाएंगे. खास बात ये है कि कॉरीडोर का सबसे ज्यादा फायदा यूपी और एमपी के बुंदेलखंड को होगा क्योंकि ये इलाका इन बड़े शहरों को जोड़ने के लिए सेतु का काम करेगा. ये हाइवे 526 किलोमीटर लंबा होगा. इसे बनाने का 3 साल का लक्ष्य रखा गया है और 2026 में पूरा हो जाएगा. फिलहाल बुंदेलखंड की बात करें तो यूपी के झांसी, महोबा, हमीरपुर के अलावा मध्य प्रदेश के सागर और छतरपुर के जरिए भोपाल और कानपुर सड़क मार्ग से जुड़ा है, लेकिन सागर कानपुर मार्ग टू लेन होने के कारण यातायात का भारी दबाब है. फिलहाल इसे फोर लेने बनाया जा रहा है और भविष्य में फोर प्लस टू यानी सिक्स लेन कर दिया जाएगा.

दो नेशनल हाईवे बदलेंगे पूरे बुंदेलखंड की तकदीर और तस्वीर (ETV Bharat)

खुलेंगे बुंदेलखंड के तरक्की के द्वार

ये नेशनल हाईवे यूपी के बुंदेलखंड के महोबा कबरई और एमपी के छतरपुर और सागर से होकर गुजरेगा. जानकारों का कहना है कि इस मार्ग के पूरा होने पर भोपाल से कानपुर पहुंचने में महज 6 घंटे लगेंगे और बुंदेलखंड के खनन व्यावसाय, पर्यटन और कृषि आधारित व्यावसाय को पंख लगेंगे. इसके अलावा ट्रांसपोर्टेशन हब के साथ लाॅजिस्टिक हब के रूप में बुंदेलखंड आकार ले सकता है. कुल मिलाकर इस सड़क से पूरे बुंदेलखंड के तरक्की के द्वार खुलेंगे.

दो नेशनल हाईवे बदलेंगे पूरे बुंदेलखंड की तकदीर और तस्वीर (ETV Bharat)

इन राज्यों से गुजरता है नेशनल हाईवे 44

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सपने को साकार करने वाला नेशनल हाईवे 44 पूरे देश को एक सूत्र में पिरोना का काम करता है. जिसकी कुल लम्बाई 3,745 किलोमीटर है. यह भारत के उत्तर में श्रीनगर से शुरू होकर दक्षिण में कन्याकुमारी में खत्म होता है. जम्मू कश्मीर से शुरू होने वाला ये नेशनल हाइवे पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु तक पहुंचता है. खास बात ये है कि देश के दिल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश में इसकी लंबाई करीब 504 किलोमीटर है. इस नेशनल हाईवे को 6 लेन बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है.

नेशनल हाईवे बदलेंगे बुंदेलखंड की तस्वीर (ETV Bharat)

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बुंदेलखंड के लोगों को होगा फायदा

ये हाईवे मध्य प्रदेश के लखनादौन, सिवनी, नरसिंहपुर, सागर और ग्वालियर शहरों से गुजरता है. इस नेशनल हाईवे के जरिए बुंदेलखंड जम्मू, पठानकोट, जालंधर, लुधियाना, अंबाला, झांसी, करनाल, सोनीपत, दिल्ली, आगरा, ग्वालियर, नागपुर, हैदराबाद, बंगलुरु, सेलम, मदुरई तिरूनेलवेली और कन्याकुमारी जैसे शहर जुड़ते हैं. इस नेशनल हाईवे पर यातायात शुरू होने के बाद बुंदेलखंड में बड़ा बदलाव आया है. हाईवे के नजदीक रहने वाले गरीब किसान और मजदूर वर्ग के लोग सब्जी-फल बेचने, पंचर दुकान, छोटे रेस्टोरेंट और ढाबा खोलकर जीवन यापन कर रहे हैं. वहीं जिन लोगों के पास पैसा है, वो यहां पर होटल, रेस्टोरेंट, ऑटो मोबाइल सर्विस सेन्टर, फूड प्लाजा, ट्रैवल एजेंसी, पेट्रोल पंप, वेयर हाउस और बड़े-बड़े गोदाम बनाकर पैसा कमा रहे हैं.

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