सागर:इंसान के अंदर अगर प्रतिभा और कुछ करने का जज्बा हो तो ये कायनात भी विपरीत परिस्थितियों के बाद उनका साथ देती है. ऐसा ही कमाल मध्य प्रदेश के सतना जिले के दो युवकों ने पढ़ाई के साथ-साथ करके दिखाया है. उनकी प्रतिभा देखकर सीएम मोहन यादव भी मुरीद हो गए. दरअसल इन दोनों दोस्तों ने पढ़ाई के साथ-साथ प्लास्टिक के विकल्प के तौर पर बांस के रोजमर्रा के उपयोग के आइटम बनाना शुरू किया और 3 महीने के भीतर ही ऐसी सफलता मिली कि आज उनके 15 कर्मचारी हैं. उनके प्रोडक्ट की वैल्यू बढ़ने के साथ-साथ एमपी सरकार ने उन्हें अवॉर्ड भी दिया है.
दो दोस्तों की सफलता की कहानी
वैसे तो काॅलेज और यूनिवर्सिटी का दौर मस्ती का दौर होता है और हर युवा इस खास पल को मस्ती के साथ जीने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं, लेकिन सतना की निजी यूनिवर्सिटी में एचआर से एमबीए कर रहे सुजीत तिवारी और रवि सिंह ने पढ़ाई के साथ-साथ स्टार्टअप का विचार किया. कोरोना महामारी ने उन्हें स्टार्टअप का ऐसा आइडिया दिया कि आज पूरा एमपी और देश इन दोनों दोस्तों की तरफ उम्मीद भरी निगाहों से देख रहा है. दरअसल कोरोना महामारी के दौरान ये दोनों दोस्त जब पढ़ाई कर रहे थे, तो प्लास्टिक के बंद किए जाने और विकल्प तलाश किए जाने की चर्चा ने जोर पकड़ा. ऐसे में इन दोनों दोस्तों ने इसे एक बिजनेस आइडिया के तौर पर मानते हुए प्लास्टिक के विकल्प के रूप में बांस को चुना और घर में रोज उपयोग होने वाली प्लास्टिक की चीजों को बांस से तैयार करना शुरू कर दिया.
स्टार्टअप के लिए थे महज 450 रूपये
काॅलेज की पढ़ाई के साथ दोनों दोस्त को स्टार्टअप आइडिया तो मिल गया लेकिन जब पूंजी की बात आई, तो दोनों के पास महज 450 रूपए थे. दोनों दोस्तों ने उन्हीं पैसों से काम करना शुरू किया और 3 महीने में ही उन्हें सफलता नजर आने लगी. आज वो 15 लोगों को रोजगार देने के साथ-साथ बड़े पैमाने पर बांस की चीजें तैयार कर अच्छा पैसा कमा रहे हैं. इस स्टार्टअप आइडिया को जमकर सराहना मिल रही है.सागर में आयोजित हेथाकाॅन प्रतियोगिता में दोनों ने डेढ़ लाख का इनाम भी जीता है.
बांस के प्रोडक्ट बनाने 2 साल की रिसर्च
दोनों दोस्तों का आइडिया जोरदार था लेकिन इस आइडिया को जमीन पर लाने के लिए प्रोडक्ट तैयार करने का अनुभव ना के बराबर था. ऐसे में दोनों दोस्तों ने बांस के प्रोडक्ट बनाने के लिए करीब 2 साल रिसर्च की. बांस से प्रोडक्ट बनाने वाले लोगों से मुलाकात की. उनसे कई प्रोडक्ट बनाना सीखा और जो प्रोडक्ट बनाना चाह रहे थे उनके अनुभव और हुनर के आधार पर कई नए प्रोडक्ट बनवाए. जब दोनों को पूरा भरोसा हो गया कि अब वो प्लास्टिक के विकल्प के तौर पर बांस के प्रोडक्ट बना सकते हैं, तो दोनों ने 24 जून 2024 को स्मार्ट सिटी मिशन के तहत सतना में स्थापित किए गए इन्क्यूबेंशन सेंटर में 'बैंबू वर्ल्ड' नाम से कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराया. रजिस्ट्रेशन के बाद इन्हें एमएसएमई लोन भी मिल गया और काम ने तेजी पकड़ ली. दोनों दोस्तों के प्रोडक्ट एमपी के कई शहरों के अलावा बेंगलुरु और दूसरे शहरों में भेजे जा रहे हैं.