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शादी के लिए मंदिर को बना दिया मैरिज हॉल, कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश - WEDDING IN GOPAL MANDIR

इंदौर के कलेक्टर आशीष सिंह ने राजवाड़ा परिसर से सटे प्रसिद्ध गोपाल मंदिर में प्राइवेट शादी का आयोजन कराने के मामले में जांच के आदेश दिए हैं.

temple was converted into a marriage hall for the wedding
शादी के लिए मंदिर को बना दिया मैरिज हॉल (Etv Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 13, 2025, 2:24 PM IST

इंदौर: स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत करोड़ों रुपये खर्च करके शहर के होल्करकालीन मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया. इस मंदिर के पुजारी और कर्ताधर्ताओं ने इसको शादी के लिए किराए पर दे दिया. मामला उजागर होने के बाद अब इंदौर जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं. इसके बाद दोषियों पर कठोर कार्रवाई होना तय माना जा रहा है.

पैसे के लालच में मंदिर प्रशासन ने शादी कार्यक्रम की दे दी अनुमति

दरअसल इंदौर के राजवाड़ा परिसर से सटे प्रसिद्ध गोपाल मंदिर में अपने बेटे की शादी के लिए राजकुमार अग्रवाल नामक एक व्यक्ति ने मंदिर के मैनेजर एवं पुजारी को एक लाख रुपये देकर 25551 की रसीद कटवा ली. मंदिर प्रबंधन को बताया गया कि दूल्हा-दुल्हन के फेरे कहीं और हुए हैं सिर्फ दर्शन करने के लिए मंदिर ले जाएंगे और छप्पन भोग लगेगा. पैसे के लालच में मंदिर प्रशासन ने राजकुमार अग्रवाल को कार्यक्रम करने की अनुमति दे दी.

इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह (Etv Bharat)

इसके बाद मंदिर में बाकायदा डेकोरेशन टीम को बुलाकर पूरे मंदिर का नक्शा ही बदल दिया गया. शादी के दौरान कैटरिंग टीम भी मंदिर में आ गई और घराती और बारातियों के लिए छप्पन भोग लगा दिए गए. इतना ही नहीं शादी समारोह में आए लोगों की सुविधा के लिए मंदिर के बाहर गलियारे का रास्ता भी बंद कर दिया गया. इससे मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले लोगों को परेशानी हुई तो यह मामला उजागर हुआ.

कार्यक्रम का वीडियो-फोटो वायरल होने पर जिला प्रशासन तक पहुंचा मामला

लेकिन जब शादी के वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुए तो मामला इंदौर जिला प्रशासन तक पहुंचा. प्रशासन ने तत्काल पूरे आयोजन की जांच की घोषणा कर दी. इस मामले में आज इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा "मंदिर में किसी को शादी समारोह की अनुमति नहीं है. मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी. एडीएम गौरव बैनल को मामले के जांच के आदेश दिए गए हैं. शाम तक रिपोर्ट आने के बाद मामले में कार्रवाई होगी."

गौरतलब है कि गोपाल मंदिर का जीर्णोद्धार हाल ही में स्मार्ट सिटी योजना के तहत किया गया था, जिसमें करोड़ों रुपए की लागत आई थी। इस जीर्णोद्धार के बाद मंदिर को एक नई पहचान मिली है, लेकिन इस विवाद ने मंदिर की गरिमा और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर दिया है. श्रद्धालु इस घटना को लेकर नाराजगी जताते हुए मामले में सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. मंदिर में हुए शादी समारोह के बाद आज यादव समाज द्वारा मंदिर का शुद्धिकरण भी किया जाएगा.

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