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भीषण गर्मी में रोडवेज एसी बस स्टेशन के शीशे टूटे, गर्म हवाओं के झोंकों से यात्री बेहाल - roadways news

लखनऊ में भीषण गर्मी मेंरोडवेज एसी बस स्टेशन के शीशे टूटे होने के कारण गर्म हवाओं से यात्री बेहाल हो गए. अफसरों के निरीक्षण में यह समस्या सामने आई. दरवाजे तुरंत दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं.

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 5, 2024, 10:03 AM IST

Published : May 5, 2024, 10:03 AM IST

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roadways (etv bharat)

लखनऊ: कैसरबाग बस स्टेशन कहने को तो एसी बस स्टेशन है यहां पर सेंट्रलाइज्ड एसी है, लेकिन जब बस अड्डे पर आप पहुंचेंगे तो यात्रियों को पसीना बहाते पाएंगे. वजह है कि यह बस अड्डा सिर्फ कागजों पर एसी है यहां एसी जैसी फीलिंग यात्रियों को नहीं आती है. बस स्टेशन के जो शीशे के गेट लगे हैं वे उखड़े पड़े हैं. बस के इंतजार में बैठे यात्रियों को गर्मी में ही बैठना पड़ रहा है. यात्रियों को हो रही दिक्कत को लेकर शनिवार को बस स्टेशन का बारीकी से निरीक्षण करने पहुंचे नोडल अफसर व परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक (प्रशासन) आईएएस राम सिंह वर्मा ने जमकर क्षेत्रीय अधिकारियों की क्लास ली.

बस स्टेशन पर आने वाले यात्रियों की शिकायत पर शनिवार को परिवहन निगम मुख्यालय पर तैनात लखनऊ क्षेत्र के नोडल अफसर मुख्य प्रधान प्रबंधक प्रशासन रामसिंह वर्मा कैसरबाग बस स्टेशन पहुंचे. उन्होंने वेटिंग हाल में लगे वातानुकूलित सिस्टम से लेकर बाहर लगे वाटर कूलर को देखा और टूटे हुए शीशे पर नाराजगी जाहिर करते हुए दुरुस्त कराने के निर्देश दिए. सुधार के लिए एक सप्ताह का समय देकर वापस लौट गए.

क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी ने बस स्टेशन पर सुधार किए जाने वाले कार्यों की रिपोर्ट एक सप्ताह में तलब की है. रोडवेज के अधिकारियों का कहना है कि शीशे के एक गेट को लगवाने में करीब साढ़े तीन लाख रुपये खर्च होंगे. चार गेट में शीशे लगवाने और मरम्मत का खर्च मिलाकर करीब 18 लाख रुपये खर्च का अनुमान है. इस शीशे को जल्द से जल्द लगवाने के लिए एआरएम अरविंद कुमार को निर्देश दिए गए, लेकिन उन्होंने कहा कि पैसा आवंटित होने के बाद ही उखड़े हुए शीशे लग पाएंगे पहले भी एआरएम स्तर से परिवहन निगम मुख्यालय को डिमांड भेजी गई.

कैसरबाग बस स्टेशन पर निरीक्षण करने पहुंचे अफसरों के जाने के बाद एसी वेटिंग हाल को बंद कर दिया. इस दौरान एक यात्री आया और वेटिंग हाल जाने के लिए दरवाजा खोलने की कोशिश की. पता लगा कि यह वेटिंग हाल बंद कर दिया गया है.

यात्रियों की सुविधा के लिए कैसरबाग बस अड्डे पर चल रही खानपान की दुकानें बीच राह में ओपन कर दी गई है. इससे यात्रियों के आने-जाने और बसों के आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. स्टेशन के कर्मचारी बताते है कि इससे कभी भी कोई हादसा हो सकता है. पूर्व में एक यात्री की बस की चपेट में आकर मौत हो चुकी है. ऐसी घटना दोबारा न हो, इसलिए दुकानें बस अड्डे के मुहाने के बजाए बगल में लगाना चाहिए था, लेकिन प्रबंधन की मनमानी से यात्री ही नहीं बस चालक भी परेशान हैं.

किराया जमा नहीं, फिर भी दुकान खोले बैठे
कैसरबाग बस स्टेशन की कैंटीन का किराया बीते दो माह से जमा नहीं है. इसके बावजूद ठेकेदार की मनमानी से दुकानें खुली हैं, जबकि लगातार किराया जमा करने वाले ठेकेदार को धमकाकर दुकानें इसलिए पीछे करा दी गईं कि बसें और यात्रियों के आवागमन में दिक्कतें हो रही है. इस बाबत क्षेत्रीय आरके त्रिपाठी ने कहा कि मुख्यालय के आदेश पर सब कुछ हो रहा है. इस मामले में मेरा कोई लेना देना नहीं है.

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