नारायणपुर:नक्सलगढ़ में हमेशा से नक्सली सड़क बनाए जाने का विरोध करते रहे हैं. नारायणपुर सोनपुर छोटेबेठिया में भी सालों से नक्सली सड़क बनने नहीं दे रहे. सड़क बनाने का काम जब भी शुरु होता माओवादी गांव वालों को भड़का देते. पर अब गांव वाले समझ गए हैं. उनको पता चल गया है कि नक्सली क्यों सड़क नहीं बनने दे रहे. सरकार ने जब दोबारा सड़क बनाने का बात कही तब गांव वालों ने सड़क बनाने का न सिर्फ समर्थन किया बल्कि ये भी बताया कि सड़क उनके लिए कितनी जरुरी है. सड़क बनने से मरीजों को शहर ले जाने में आसानी होगी. मरीजों को समय पर इलाज मिलेगा. गांव के युवा रोजगार के लिए दूसरे शहरों में जा सकेंगे. किसान अपनी फसलों को मंडी तक ले जा सकेगा.
आतंक के सीने पर विकास की सड़क: जिस नक्सलगढ़ में नक्सली सड़क नहीं बनने दे रहे थे वहां पर अब गांव वालों की मदद से सड़क का काम शुरु हो चुका है. गांव वालों का कहना है कि पहले होराडी गांव में एक पुरानी टूटी फूटी सड़क थी जिसका इस्तेमाल नारायणपुर सोनपुर छोटेबेठिया आने जाने वाले लोग करते थे. बारिश और रात के वक्त इस सड़क से गुजरना मुश्किल होता था.
विकास के कामों में आई तेजी: नारायणपुर एसपी प्रभात कुमार कहते हैं कि नक्सलवाद के चलते विकास का काम इन इलाकों में ठप था. होराडी गांव में एक पुरानी सड़क है जो 1950 के आस पास बनी थी. वो सड़क नारायणपुर सोनपुर छोटेबेठिया को जोड़ती है. सड़क नहीं होने के चलते लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. अब हम सड़क बनाने का काम हो रहा है. पहले यहां के लोग नक्सलियों के डर से सड़क का विरोध करते थे. अब वही लोग सड़क बनाने का समर्थन कर रहे हैं.