पटना:पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने पूर्व मुख्यमंत्री 'भारत रत्न' कर्पूरी ठाकुर की जन्मस्थली समस्तीपुर से अपने 'कार्यकर्ता दर्शन सह संवाद कार्यक्रम' की शुरुआत की. वहां से दरभंगा, मधुबनी और मुजफ्फरपुर जाकर आरजेडी कार्यकर्ताओं से मिलकर फीडबैक ले रहे हैं. तेजस्वी को सत्ता में आने के लिए मिथिलांचल फतह करना जरूरी है, क्योंकि इन क्षेत्र में एनडीए काफी मजबूत है. हालिया लोकसभा चुनाव में मिथिलांचल की चारों सीटों पर एनडीए ने जीत हासिल की थी. इन 4 लोकसभा क्षेत्र के तहत 41 विधानसभा है. इसमें 28 पर एनडीए का कब्जा है.
मिथिलांचल के विकास का वादा:तेजस्वी यादव जानते हैं कि मिथिलांचल में जीत के लिए सामाजिक समीकरण के साथ-साथ इलाके के जरूरी मुद्दों को उठाना भी जरूरी है. सत्ता में आने के लिए वह न केवल कार्यकर्ताओं से मिलकर उन्हें 2025 के विधानसभा चुनाव के लिए एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं, बल्कि विकास के मुद्दों पर खुलकर बात भी कर रहे हैं. पिछले दिनों उन्होंने ऐलान किया कि अगर वह सत्ता में आएंगे तो 'मिथिलांचल विकास प्राधिकरण' का गठन करेंगे ताकि इस क्षेत्र का समुचित विकास हो सके.
एनडीए पर मिथिलांचल की उपेक्षा का आरोप:तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए की सरकार पर मिथिलांचल की उपेक्षा का आरोप लगाया है. उनका दावा है कि 2015-17 और 2022-23 में जब वह सत्ता में साझेदार थे, तब इस क्षेत्र के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए. हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि एनडीए के शासन में बिजली और सड़क पर तो अच्छा काम हुआ है. कुछ बड़ी परियोजना भी लाई गई. एयरपोर्ट भी शुरू हुआ और एम्स भी बन रहा है लेकिन बाढ़ प्रबंधन अभी तक नहीं हुआ है. पलायन और बेरोजगारी भी यहां बड़ी समस्या है. ऐसे में अगर 'मिथिलांचल विकास प्राधिकरण' बनता है तो निश्चय ही इस क्षेत्र का विकास होगा.
"दरभंगा और मधुबनी जिलों में 4 बार से एनडीए है. दभंगा और मधुबनी में अधिकांश विधायक एनडीए के हैं लेकिन ये दोनों जिले पिछड़े हैं. हमने केवल 17 महीनों के अल्प कार्यकाल में अपने अधीन विभागों में यहां कई आरओबी, सड़कें और एम्स को डीएमसीएच से निकाल शहर के बाहर शोभन बाईपास के पास लेकर गए और अन्य विकास कार्यों को स्वीकृत किया."- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष
मिथिलांचल में एनडीए मजबूत:गंगा के उस पार मिथिलांचल के तहत लोकसभा की एक दर्जन सीटें हैं, जिसमें झंझारपुर, मधुबनी, दरभंगा, मधेपुरा, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, समस्तीपुर, बेगूसराय, उजियारपुर, मुजफ्फरपुर और हाजीपुर है. मिथिलांचल की एक दर्जन लोकसभा सीटों में 120 के करीब विधानसभा सीट है, जिसमें से अधिकांश पर एनडीए का अभी कब्जा है. तेजस्वी यादव की नजर इसलिए मिथिलांचल के क्षेत्र पर है, जिससे 2025 में अधिक सीट हासिल की जा सके.
किस दल के कितने विधायक?: तेजस्वी यादव इन दिनों मिथिलांचल के दौरे पर हैं. जिन इलाकों में वह जा रहे हैं, उनमें दरभंगा की 10 विधानसभा सीटों में से बीजेपी के पास 6 और जेडीयू के पास तीन सीट है, केवल एक सीट आरजेडी के पास है. बीजेपी के पास 6 और जेडीयू के पास तीन सीट है. मधुबनी की 10 विधानसभा सीटों में बीजेपी के पास 5 और जेडीयू के पास 3 सीटें हैं, जबकि आरजेडी के पास केवल दो सीट है. मुजफ्फरपुर की 11 विधानसभा सीटों की बात करें तो बीजेपी के पास 5 और जेडीयू के पास एक सीटे है, जबकि 5 सीट पर महागठबंधन के पास है. इनमें आरजेडी के 4 और कांग्रेस के एक विधायक हैं. वहीं, समस्तीपुर में 10 विधानसभा की सीटों में जेडीयू और बीजेपी के 5, आरजेडी के 4 और एक माले के विधायक हैं. यानी एनडीए और महागठबंधन के पास 5-5 सीटें हैं.
'मिथिलांचल का विकास हमारा लक्ष्य':तेजस्वी यादव ने अपनी मिथिलांचल यात्रा में सरकार बनने पर 200 यूनिट बिजली फ्री देने और मिथिलांचल विकास प्राधिकरण (MDA) बनाने की घोषणा की है. तेजस्वी यादव ने कहा कि मिथिलांचल आज भी सबसे पिछड़ा इलाका है. काफी बेरोजगारी है. बाढ़ से लोग यहां परेशान हैं. मिथिला के लोग एनडीए को जमकर वोट करते हैं लेकिन एनडीए की सरकार ने मिथिला के विकास के लिए कुछ नहीं किया है.
"बिहार में 20 वर्षों से एनडीए की डबल इंजन की सरकार है, फिर भी सत्ता के स्वार्थी इन लोगों ने मिथिला के लिए कोई विशेष कार्य नहीं किया. अगर हमारी सरकार बनी तो हम मिथिलांचल विकास प्राधिकरण बनाएंगे. यह प्राधिकरण मिथिलांचल के चहुमुखी विकास के लिए गेम चेंजर होगा."-तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष