जोधपुर:दो माह पहले राज्य सरकार के साथ हुए समझौते की शर्तों की पालना नहीं होने के विरोध में पूरे राजस्थान के सरकारी मेडिकल कॉलेजों के रेजिडेंट डॉक्टर दो दिन से हड़ताल पर हैं. इसमें जोधपुर के एसएन मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर भी इसमें शामिल हैं. सोमवार को रेजिडेंट डॉक्टरों ने वार्ड, ओपीडी, इमरजेंसी और ऑपरेशन थिएटर सभी जगह काम का बहिष्कार किया. इस हड़ताल के चलते मरीजों को परेशानी हो रही है. ओपीडी में मरीजों को अपनी बारी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है.
ओपीडी में केवल सीनियर डॉक्टर ही इलाज कर रहे हैं. उनका सहयोग करने वाले रेजिडेंट डॉक्टर नहीं है. इसी तरह से वार्ड, इमरजेंसी और अन्य व्यवस्थाएं भी प्रभावित हो रही हैं. मेडिकल कॉलेज से जुड़े संभाग के सबसे बड़े मथुरादास माथुर अस्पताल में सोमवार सुबह से ही मरीज और उनके परिजन परेशान हो रहे हैं. वार्डों में मरीजों की देखरेख प्रभावित हो रही है. मथुरादास माथुर और महात्मा गांधी अस्पताल में सोमवार को बड़ी संख्या में पहले से प्रस्तावित ऑपरेशन टलने की आशंका है. उम्मेद अस्पताल में प्रसूति विभाग में सुबह कुछ रेजिडेंट डॉक्टर काम पर आए, जिन्हें हड़ताली डॉक्टर वापस बाहर ले गए.
जोधपुर में रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल (ETV Bharat Jodhpur) पढ़ें: विभिन्न मांगों को लेकर रेजिडेंट डॉक्टर्स ने किया पूर्ण कार्य बहिष्कार, सीनियर डॉक्टर्स ने संभाला मोर्चा, मरीज बेहाल
एमडीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ. नवीन किशोरिया ने बताया कि हड़ताल के चलते व्यवस्थाएं प्रभावित हुई है, लेकिन हमने प्रयास किया है कि सभी जगह पर मरीजों को सुविधाएं मिलती रहे. सीनियर डॉक्टर के साथ-साथ जूनियर रेजिडेंट्स को भी हमने इस काम में लगाया है. सीएमओ से भी अतिरिक्त डॉक्टर लगाने के लिए आग्रह किया गया है. डॉ किशोरिया ने हड़ताल पर गए डॉक्टर से अपील की है कि अभी मौसमी बीमारियों का दौर चल रहा है. ऐसे में मरीजों की परेशानी को समझते हुए उन्हें काम पर लौट आना चाहिए.
सब कुछ प्रभावित है, सरकार को बात करनी होगी:रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ रविंद्र चरण ने बताया कि 2 महीने पहले हुई सरकार से वार्ता के फैसले लागू नहीं होने से यह परेशानी हुई है. दो दिन से हड़ताल चल रही है, लेकिन सरकार ने अभी तक किसी तरह की बात हमारे संघ से नहीं की है. सोमवार से हमने सभी जगह पर काम छोड़ दिया है. हमें भी यह पता है कि मौसम बीमारी चल रही है ऐसे में सरकार को जल्दी टेबल पर आकर बात करनी चाहिए, जिससे कि लोगों को राहत मिल सके.