नई दिल्ली: दिल्ली में रोजाना हजारों की संख्या में पर्यटक ऐतिहासिक इमारत को देखने घूमने और उनके बारे में जानने के लिए आते हैं. दिल्ली के शालीमार बाग स्थित शीश महल के जीर्णोद्धार का काम चल रहा है, जिससे इस ऐतिहासिक इमारत की संरचना को पुराने स्वरूप में लाकर उसका गौरव बहाल किया जा सकेगा. इसी कड़ी में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मौके पर अधिकारियों के साथ निरीक्षण कर शीश महल के जीर्णोद्धार का काम दिसंबर तक खत्म करने को कहा.
दिल्ली के शालीमार बाग स्थित शीश महल दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधीन आता है. डीडीए व एएसआई मिलकर शीश महल के जीर्णोद्धार का काम कर रहा है. इसके लिए राजस्थान से 30 से अधिक कारीगर बुलाकर काम पर लगाए गए हैं, जो शीश महल को उसका ऐतिहासिक गौरव देने के लिए इसकी संरचना को पुराने रंग रूप में लाने का काम कर रहे हैं.
शीश महल वास्तुकला की भव्यता का केंद्र:शीश महल की जो प्रमुख इमारत है वह कभी बारीक नक्काशी के साथ लाल बलुआ पत्थर की राजशाही संरचना थी. शीश महल की संरचना खराब होने लगी थी इसके साथ ही खंभों, झरोखों व दीवारों का रंग उड़ गया था. यहां पर शीश महल के मुख्य भवन के पीछे एक कुआं भी है, जिससे पानी खींचकर मुख्य भवन की छत पर स्टोर किया जाता था. वहां से पानी को ऊंचाई से विभिन्न चैनलों में छोड़ा जाता था, जिससे शीश महल के परिसर में बने फव्वारों में प्रेशर से पानी निकलता था और एक मनोरम दृश्य होता था. शीश महल वास्तुकला की भव्यता का एक केंद्र माना जाता है. वर्ष 1658 में सम्राट औरंगज़ेब का यहां पर राज्याभिषेक भी हुआ था.
शीश महल जल्द आम जनता के लिए खोला जाएगा: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने बीती जनवरी में भी शीश महल परिषद का निरीक्षण किया था. इस दौरान उन्होंने शीश महल की स्थिति को देखकर चिंता जताई थी. उन्होंने शीश महल के जीर्णोद्धार का निर्देश दिया था. अभी यह कार्य तेजी से चल रहा है. उपराज्यपाल सक्सेना ने फिर से अधिकारियों के साथ निरीक्षण कर जीर्णोद्धार का कार्य दिसंबर तक पूरा करने का निर्देश दिया है, जिससे कि शीश महल को आम जनता के लिए खोला जा सके.
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