इंदौर।मध्य प्रदेश में धार्मिक स्थलों का तेजी से विकास होने से धार्मिक पर्यटन रफ्तार पकड़ रहा है. उज्जैन में महाकाल लोक के कारण देश-विदेश से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या सवा करोड़ तक पहुंच गई है. इंदौर के खजराना मंदिर, महेश्वर, ओंकारेश्वर में श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ी है. इसके साथ ही मांडू, खजुराहो, ओरछा समेत अन्य पर्यटन स्थलों पर भी सैलानियों की संख्या में इजाफा हो रहा है. इसी को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार पर्यटन की संभावनाओं को लेकर नए-नए क्षेत्र विकसित करने पर जोर दे रही है.
एक साल में महाकाल लोक देखने पहुंचे एक करोड़ से ऊपर
महाकाल लोक निर्माण के बाद उज्जैन पहुंचने वालों की संख्या 2023 में 1 करोड़ 12 लाख हो गई है, जो 2022 में मात्र 32 लाख थी. महाकाल मंदिर प्रबंध समिति की एक रिपोर्ट के अनुसार यहां जो संख्या 4 साल पहले 25000 श्रद्धालुओं की थी, वह 2022 में ही एक लाख तक पहुंच चुकी थी, लेकिन अब यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या एक करोड़ से ऊपर है. उज्जैन में महाकाल मंदिर के अलावा कालभैरव, मंगलनाथ, सान्दीपनी आश्रम और रामघाट जैसे धार्मिक पर्यटन स्थल पर भी श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है.
पश्चिमी मध्य प्रदेश में लगातार बढ़ रही श्रद्धालुओं की संख्या
उज्जैन के साथ ही इंदौर में खजराना गणेश मंदिर और महेश्वर और ओंकारेश्वर भी श्रद्धालुओं के पहुंचने के कारण पश्चिम मध्य प्रदेश में तीनों स्थलों श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ी है. खजराना गणेश मंदिर में इस गणेश उत्सव में श्रद्धालुओं की संख्या 15 लाख तक पहुंच गई. खजराना गणेश मंदिर के मुख्य पुजारी अशोक भट्ट बताते हैं "महाकाल लोक बनने के बाद खजराना मंदिर में उज्जैन से लौटने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में 40 फ़ीसदी का इजाफा हुआ है. गणेश उत्सव के दौरान यहां प्रतिदिन मंदिर पहुंचने वालों की संख्या करीब 1 लाख रही."
महाकाल लोक से महेश्वर व ओंकारेश्वर पहुंच रहे श्रद्धालु
यही स्थिति महेश्वर और ओंकारेश्वर की है. महाकाल लोक से खजराना, महेश्वर और ओंकारेश्वर जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी है. इधर, मांडव में भी बढ़ती सैलानियों की संख्या के चलते पर्यटन विभाग मांडव के लिए भी कार्ययोजना तैयार कर रहा है. पर्यटन निगम की एमडी विदिशा मुखर्जी के मुताबिक "मांडव में जल्द ही टेंट सिटी विकसित की जा रही है. जिससे सैलानियों को सुविधाजनक लॉजिंग-बोर्डिंग की व्यवस्था की जा सके. इसके अलावा अन्य पर्यटन केद्रों के लिए भी विकास आधारित योजना तैयार की गई है, जिसमें होमस्टे और जल पर्यटन भी शामिल है."