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हाईकोर्ट ने कहा- धार्मिक स्थल प्रार्थना के लिए हैं, लाउडस्पीकर इस्तेमाल करने का अधिकार नहीं - ALLAHABAD HIGH COURT

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि लाउडस्पीकर के प्रयोग से लोगों को परेशानी होती है.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश (Photo Credit- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 24, 2025, 7:15 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक याचिका को खारिज करते हुए कहा कि धार्मिक स्थल मुख्यतः ईश्वर की प्रार्थना के लिए होते हैं. इसलिए लाउडस्पीकरों के प्रयोग को अधिकार नहीं कहा जा सकता, विशेषकर तब जब ऐसा प्रयोग अक्सर निवासियों के लिए परेशानी का कारण बनता हो.

न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति दोनादी रमेश की पीठ ने पीलीभीत के मुख्तियार अहमद द्वारा दायर रिट याचिका को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की. याचिका में राज्य के प्राधिकारियों को एक मस्जिद पर लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति देने का निर्देश देने की मांग की गई थी.

सरकारी वकील ने इस आधार पर रिट याचिका का विरोध किया कि याची न तो मुतवल्ली है और न ही उसकी मस्जिद है. राज्य की आपत्ति में तथ्य पाते हुए न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता के पास रिट याचिका दायर करने का अधिकार नहीं है. न्यायालय ने इस बात पर भी जोर दिया कि चूंकि धार्मिक स्थल ईश्वर की पूजा-अर्चना के लिए होते हैं.

इसलिए लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को अधिकार नहीं माना जा सकता. इसलिए रिट याचिका खारिज कर दी. उल्लेखनीय है कि मई 2022 में हाईकोर्ट ने कहा था कि अब कानून में यह प्रावधान हो गया है कि मस्जिदों से लाउडस्पीकर बजाना मौलिक अधिकार नहीं है.

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