देहरादून: भारत निर्वाचन आयोग की संस्तुति पर निलंबित होने वाले पीसीएस अधिकारी रामजी शरण शर्मा को शासन ने राहत दी है. हैरत की बात यह है कि रामजी शरण शर्मा ने शासन के ही फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन इस बात को दरकिनार करते हुए 2 महीने के भीतर ही चार्टशीट देने से लेकर जांच पूरी करने और निलंबन आदेश वापस लेने तक की कार्रवाई को पूरा कर लिया गया है. भारत निर्वाचन आयोग को निलंबन वापस लेने से पहले जानकारी दी गई. इस पर अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं हुआ है. CEO कार्यालय से निलंबन वापसी से पहले भारत निर्वाचन आयोग को ऐसी कोई सूचना नहीं दी गयी.
देहरादून में लोकसभा चुनाव के दौरान अपने दायित्वों का पालन नहीं करने, चुनाव ड्यूटी में लापरवाही बरतने समेत जिला निर्वाचन अधिकारी के निर्देशों का पालन न करते हुए उनके साथ गलत व्यवहार करने जैसे गंभीर आरोपों को लेकर निलंबित किए गए पीसीएस अधिकारी रामजी शरण शर्मा को दो महीने के भीतर ही राहत दे दी गई है. यह स्थिति तब है जब रामजी शरण शर्मा ने शासन के निलंबन के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.
रामजी शरण शर्मा को 1 जून 2024 को लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया के बीच में ही देहरादून के एडीएम पद से हटाते हुए निलंबित कर दिया गया था. इसके बाद अपर मुख्य सचिव कार्मिक ने निलंबित अधिकारी को आरोपो के क्रम में चार्जशीट भी जारी कर दी थी. खास बात यह है कि चार्ज शीट जारी होने के बाद आरोपो के विभिन्न बिंदुओं पर जांच की गई. जांच रिपोर्ट में जिला निर्वाचन अधिकारी के स्तर पर लगाए गए आरोप गलत पाए गए. खास बात यह है कि पीसीएस अधिकारी के निलंबन से जुड़े इस पूरे मामले को 2 महीने के भीतर ही अंतिम निर्णय तक पहुंचा दिया.
पीसीएस अधिकारी रामजी शरण शर्मा के पक्ष में पीसीएस संगठन ने अपर मुख्य सचिव कार्मिक से लेकर मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री दरबार तक भी गुहार लगाई थी. इसके बाद रामजी शरण हाईकोर्ट
पहुंच गए. यहां से उन्हें कोई राहत नहीं मिली. बहरहाल, अब शासन ने जांच पूरी करने के बाद निलंबन वापसी का आदेश जारी कर दिया है. रामजी शरण शर्मा की तैनाती को लेकर अलग से आदेश जारी किए जाएंगे.