रांची:प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने अधिकारियों के खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक का आदेश जारी किया है. यह मामला पूर्व सीएम हेमंत सोरेन से जुड़ा है. मामले की सुनवाई जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की अदालत में हुई. एजेंसी की ओर से लोक अभियोजक अमित कुमार दास ने पक्ष रखा. दरअसल, 31 जनवरी को हेमंत सोरेन ने रांची के एसटी-एससी थाना में ईडी के अधिकारी कपिल राज, देवव्रत झा समेत अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई थी.
उन्होंने आरोप लगाया था कि उनकी गैर मौजूदगी में एजेंसी के अधिकारियों ने दिल्ली स्थिति आवास पर छापेमारी की थी. हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया था कि ईडी की इस झूठी कार्रवाई से उनके और उनके परिवार की मानसिक और सामाजिक रुप से प्रताड़ना हुई है. उनके परिवार को जनता के बीच बदनाम करने की कोशिश की गई है. उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में शांति निकेतन स्थित आवास पर जब ईडी ने सर्च किया तो टीम में एसटी-एसटी वर्ग का कोई अधिकारी शामिल नहीं था. उन्होंने प्राथमिकी में इस बात का भी जिक्र किया था कि ईडी ने समन जारी कर 29 से 31 जनवरी के बीच पूछताछ के लिए समय मांगा था. इसके बावजूद उनके दिल्ली आवास पर सर्च अभियान चलाया गया.
खास बात है कि 31 जनवरी को ईडी की टीम पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर जाकर उनसे लैंड स्कैम मामले में पूछताछ कर रही थी. इसी बीच ईडी के रांची स्थिति रिजनल ऑफिस से जुड़े अधिकारियों के लिए एसटी-एससी थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई गई थी. उनके आवेदन पर कांड संख्या 6/2024 दर्ज किया गया था. उस वक्त इस बात की चर्चा शुरु हो गई थी कि अगर ईडी की टीम हेमंत सोरेन को गिरफ्तार करती है तो राज्य की पुलिस भी उसी वक्त अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उन्हें शाम को ईडी ने हिरासत में ले लिया.