राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

31 साल बाद बुधादित्य और त्रिग्रही योग के संयोग में मनाई जाएगी महाशिवरात्रि, छोटी काशी के मंदिरों में की जा रही विशेष तैयारी - MAHASHIVRATRI 2025

26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन एक दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है. इस दिन कुंभ राशि में तीन ग्रहों की युति होगी.

महाशिवरात्रि के दिन एक दुर्लभ संयोग
महाशिवरात्रि के दिन एक दुर्लभ संयोग (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 16, 2025, 1:11 PM IST

जयपुर. शिव और शक्ति के मिलन का खास दिन महाशिवरात्रि का पर्व 26 फरवरी को त्रिग्रही योग के साथ ही श्रवण-घनिष्ठा नक्षत्र और शिव योग के विशेष संयोग में मनाया जाएगा. इस अवसर पर छोटीकाशी के चौड़ा रास्ता के ताड़केश्वर महादेव, वैशालीनगर के झाड़खंड महादेव, बनीपार्क के जंगलेश्वर महादेव, विद्याधरनगर के भूतेश्वर महादेव, छोटी चौपड़ के रोजगारेश्वर महादेव सहित सभी शिवालयों में विशेष तैयारी की जा रही है.

शहर में पग-पग पर शिवालय होने के चलते जयपुर को छोटी काशी के नाम से भी जाना जाता है. यहां शिव महाशिवरात्रि के अवसर पर शिवालय भगवान भोलेनाथ के जयकारों से गूंजेंगे. वहीं इस बार शिवरात्रि विशेष योग-संयोग के बीच मनाई जाएगी. ज्योतिषाचार्य योगेश पारीक के अनुसार महाशिवरात्रि पर श्रवण नक्षत्र का संयोग बनेगा. इसी दिन बुध, शनि और सूर्य तीनों कुंभ राशि में विराजमान होंगे. ऐसे में बुद्धादित्य योग, त्रिग्रही योग का निर्माण होगा. ऐसे में शहर के शिवालयों में रूद्रीपाठ, जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक, पंचामृत अभिषेक से महादेव की पूजा अर्चना की जाएगी.

पढ़ें: बुध अष्टमी के दिन करें ये काम, व्यापार में मिलेगी सफलता होंगे रुके हुए काम

वहीं पंडित पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती विवाह के बंधन में बंधे थे. महाशिवरात्रि पर ही भगवान ने माता पार्वती से विवाह कर गृहस्थ जीवन में कदम रखा था. महाशिवरात्रि के दिन प्रयागराज के महाकुंभ में शाही स्नान का भी विशेष संयोग निर्मित होगा. इस वजह से महाशिवरात्रि का त्योहार कई गुना अधिक महत्वपूर्ण हो गया है. उन्होंने ने बताया कि मेष राशि के जातकों के लिए ये शिवरात्रि विशेष फलदायी रहेगी. परिश्रम का फल मिलेगा. मिथुन राशि, सिंह राशि के जातकों के लिए भी तरक्की के रास्ते सुलभ होंगे. सात साल बाद बुधवार को महाशिवरात्रि का पर्व संयोग है. जबकि 31 साल बाद बुधादित्य और त्रिग्रही योग के संयोग में पर्व मनाया जाएगा.

उधर, वैशालीनगर क्वींस रोड स्थित झाड़खंड महादेव मंदिर के बब्बू सेठ मेमोरियल ट्रस्ट जयपुर के अध्यक्ष जयप्रकाश सोमानी ने बताया कि मंदिर में भक्तों को परेशानी न हो इसके लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं. इसके साथ ही मंदिर में प्लास्टिक पूर्णतया प्रतिबंध रहेगा. लोगों को भी जागरूक किया जाएगा. इसी तरह जंग्लेश्वर महादेव मंदिर, सदाशिव ज्योर्तिलिंग महादेव सहित अन्य मंदिरों में भी भक्तों को पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक किया जाएगा. वहीं खोले के हनुमान मंदिर में पुष्कर से कावड़ पदयात्रा पहुंचेगी, जिससे आनंदेश्वर महादेव का अभिषेक किया जाएगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details