बाराबंकी: जिले में एक दिव्यांग आश्रयगृह की मंदबुद्धि दो लड़कियों से आश्रयगृह के डायरेक्टर ने अपने साथी के साथ मिलकर गैंगरेप किया. यही नहीं डायरेक्टर ने अपने साथी के साथ मिलकर एक मंदबुद्धि युवती का अपहरण भी कर लिया.फिलहाल, पुलिस ने डायरेक्टर समेत इस मामले के तीन नामजद आरोपियों को जेल भेज दिया है. हैरानी की बात यह, कि आरोपी डायरेक्टर भी दोनों आंखों से दिव्यांग है. पुलिस अधीक्षक ने मंदबुद्धि लड़की की तलाश के लिए 4 टीमें बनाई हैं.
कोतवाली हैदरगढ़ के ग्राम नरेन्द्रपुर में अमर दिव्यांग सेवा संस्थान आश्रयगृह है. इस आश्रयगृह की संचालिका सुनीता देवी हैं. यह अनाथालय सुल्तानपुर में स्थित अनाथालय की एक शाखा है.जिसके डायरेक्टर सुल्तानपुर जिले के नगर कोतवाली के एमजीएस चौराहा निवासी राजेश कुमार रत्नाकर हैं. नरेन्द्रपुर शाखा में दिव्यांग बच्चों की पढ़ाई लिखाई होती थी. कुछ समय पहले इसमें 41 बच्चे थे, लेकिन वोकेशनल कोर्स करने के बाद स्थानीय निवास होने के चलते बच्चे अपने अपने घरों में चले गए.
एसपी दिनेश कुमार सिंह ने दी जानकारी (video credit- etv bharat) अनाथालय में केवल एक लड़का और 3 लड़कियां बची है. ये सभी मन्दबुद्धि हैं. इस शाखा की संचालिका हैदरगढ़ कोतवाली के रनापुर गांव निवासी सुनीता देवी ने 09 जुलाई को हैदरगढ़ कोतवाली में सूचना दी, कि दिनांक 21 जून 2024 को डायरेक्टर राजेश कुमार रत्नाकर अपने साथी पूर्व में संस्था के चौकीदार रहे राम कैलाश और संस्था की सदस्या अमृता देवी के साथ सफेद कार से संस्था आये थे और एक मंदबुद्धि लड़की को बहला फुसलाकर अपने साथ ले गए.
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यही नहीं सुनीता ने यह भी शिकायत की कि इससे पहले 25 अप्रैल 2024 और 30 अप्रैल 2024 को संस्था डायरेक्टर राजेश कुमार रत्नाकर अपने साथी राम कैलाश के साथ मिलकर मन्दबुद्धि दो लड़कियों के साथ रेप किया. सुनीता द्वारा की गई शिकायत पर न केवल पुलिस विभाग बल्कि दिव्यांग कल्याण विभाग में भी हड़कम्प मच गया.
हैदरगढ़ पुलिस ने मामले में आरोपी राजेश कुमार रत्नाकर समेत 3 के विरुद्ध गैंगरेप,अपहरण और जान से मारने की धमकी का मुकदमा दर्ज कर एक मन्दबुद्धि लड़की का मेडिकल कराया.जबकि दूसरी मन्दबुद्धि लड़की की तलाश की जा रही है.पुलिस ने इस मामले के तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
डीएम ने संस्था की कराई जांच
मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएम सत्येंद्र कुमार ने एसडीएम हैदरगढ़, डीपीओ और जिला दिव्यांग कल्याण अधिकारी की एक टीम गठित कर संस्था की जांच कराई.जांच में यह पाया गया, कि इसका रजिस्ट्रेशन नहीं है. बल्कि सुल्तानपुर की संस्था के रजिस्ट्रेशन के आधार पर इसका संचालन किया जा रहा था. इस संस्था में पहले 41 बच्चे थे. लेकिन, वोकेशनल कोर्स खत्म होने पर सभी अपने घर चले गए थे. संस्था में एक लड़का और 2 लड़कियां पाई गई जो मंदबुद्धि और अनाथ हैं. संस्था की व्यवस्था सही नहीं थी, इसलिए तीनों को लखनऊ के एक संस्था में भेजा गया.
पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह ने बताया, कि वादिनी और डायरेक्टर के बीच काफी समय से विवाद चल रहा है. वादिनी ने पहले भी सुल्तानपुर में आरोपी राजेश कुमार रत्नाकर के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है. फिलहाल, पुलिस ने तीनों आरोपियों को जेल भेजकर मामले की जांच शुरू कर दी है.
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