छतरपुर।बागेश्वर धाम सिद्धपीठ में शुक्रवार को भगवान श्रीराम के ननिहाल छत्तीसगढ़ के चन्द्रखुड़ी नगरी से आए रामनामी सम्प्रदाय के लोगों का आत्मीय स्वागत किया गया. इस मौके पर बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा "यह सम्प्रदाय अपने रोम-रोम में भगवान श्रीराम को बसाए है. इसलिए यह हमेशा अतिप्रिय होना चाहिए." बता दें कि रामनामी सम्प्रदाय के लोग गहनों के स्थान पर गोदना से गहनों की आकृति शरीर में उकेरे हैं. साथ ही राम नाम भी शरीर में उकेरे हैं. इन लोगों ने बताया कि वे भगवान राम को अपने शरीर में बसाए हैं.
रामनामी संप्रदाय के लोगों के रोम-रोम में राम
रामनामी सम्प्रदाय के लोगों का कहना है कि भगवान श्रीराम उनके रोम-रोम में बसे हैं. समूह में शामिल महिला ने बताया कि उन्होंने शरीर में इसलिए गहनों की आकृति बनवाई है ताकि उनकी मृत्यु होने के बावजूद शरीर से गहने न उतर सकें. इन लोगों से धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने कहा "बालाजी से मिलने आया रामनामी सम्प्रदाय अत्यंत सौभाग्यशाली है. रामजी का ननिहाल इनका गांव है. माता कौशल्या की कृपा इस सम्प्रदाय पर हमेशा बनी रहे." उल्लेखनीय है कि रामनामी सम्प्रदाय मूर्ति पूजा पर भरोसा नहीं करता. इनका मानना है कि शरीर ही मंदिर है और शरीर में जो रामनाम अंकित कराया है वहीं भगवान विराजमान हैं. रामनामी सम्प्रदाय के लोगों ने बाबा बागेश्वर महाराज को मोर के पंखों से बनी टोपी और शॉल भेंट की.
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