राजनांदगांव: शहर के दिग्विजय कॉलेज के सामने मिट्टी के बने रावण का दहन हर साल की तरह इस साल भी किया गया. स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले तीन सौ सालों से वो इसी तरह से मिट्टी के रावण का दहन करते आ रहे हैं. स्थानीय पुजारी भी बताते हैं कि राजा महाराजाओं के समय से मिट्टी के रावण का वध प्रभु श्री राम के हाथों होता आ रहा है. हर साल यहां विजयादशमी से पहले मिट्टी के रावण बनाए जाने शुरु हो जाते हैं. विजयादशमी के दिन सबसे पहले भव्य शोभा यात्रा निकाली जाती है. विधि विधान से भगवान राम की पूजा अर्चना की जाती है. उसके बाद राम जी के हाथों मिट्टी के बने रावण का वध होता है.
राजनांदगांव में मिट्टी के रावण का रामजी ने किया वध, 300 सालों से चली आ रही अनोखी ईको फ्रेंडली परंपरा
राजनांदगांव में सालों रावण दहन पर अनोखी परंपरा निभाई जा रही है. यहां मिट्टी के बने रावण का वध श्री राम करते हैं.
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : 4 hours ago
मिट्टी के रावण के रामजी ने किया वध: लोगों का कहना है कि राजनांदगांव जिले में ज्यादातर जगहों पर मिट्टी के बने रावण का ही वध रामजी करते हैं. रावण की मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार बताते हैं कि सालों से उनके परिवार के लोग इस काम को कर रह हैं. स्थानीय निवासी डोमेन्द्र देवांगन ने बताया कि है हम बचपन से ही यहां पर मिट्टी के रावण बनते देखते आ रहे हैं. आज भी ये परंपरा बदस्तूर जारी है. शहर के राधा कृष्ण मंदिर के पुजारी दिलीप वैष्णव ने बताया कि राजाओं के जमाने से पीढ़ी दर पीढ़ी दशहरा उत्सव इसी तरह से मनाई जा रही है.
300 सालों से चली आ रही परंपरा: रावण वध से पहले भव्य शोभा यात्रा राधा कृष्ण मंदिर से निकाली जाती है. भव्य शोभा यात्रा में सैकड़ों लोग शामिल होते हैं. शोभा यात्रा में शामिल लोग अस्त्र शस्त्र के साथ निकलते हैं. मिट्टी के रावण का जैसे ही वध किया जाता है लोग एक दूसरे को विजयादशमी की बधाई देते हैं. राजा और महाराज के काल से चली आ रही परंपरा आज भी लोग उसी तरह से मना रहे हैं.