बलरामपुर :रामानुजगंज शहर में 11 सितंबर को दिनदहाड़े बदमाशों ने ज्वैलरी शॉप में डकैती को अंजाम दिया था. इस केस के मुख्य आरोपी सहित छह आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया. साथ ही लूटे हुए सोने चांदी के जेवर को भी बरामद किया है. इस बड़ी सफलता के बाद पुलिस के कार्य की सराहना हो रही है.
मंत्री नेताम ने पुलिस की सफलता को सराहा : बलरामपुर पुलिस की इस सफलता की स्थानीय विधायक और छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री रामविचार नेताम ने सराहना की. मंत्री नेताम मंगलवार को रामानुजगंज थाना कैंपस पहुंचे और पुलिस कर्मियों से मुलाकात कर उन्हें सम्मानित किया. साथ ही उन्हें प्रोत्साहित करते हुए अपनी ओर से एक लाख रुपए का चेक पुलिस अधीक्षक वैभव बेंकर को सौंपा.
मंत्री नेताम ने पुलिस कर्मियों को किया सम्मानित (ETV Bharat)
रामानुजगंज डकैती कांड का ऐसे किया खुलासा :रामानुजगंज के गांधी चौक पर संचालित राजेश ज्वैलरी शॉप में बीते 11 सितंबर को दिन-दहाड़े अपराधियों ने डकैती की वारदात को अंजाम दिया. थे घटना के बाद से ही बलरामपुर रामानुजगंज जिले की पुलिस अपराधियों की पहचान करने और उनकी खोजबीन में जुटी हुई थी. अलग-अलग कई टीमें बनाकर झारखंड, बिहार, दिल्ली, पंजाब सहित अन्य राज्यों में टीमें रवाना किया गया. करीब तीन सप्ताह के भीतर पुलिस ने पूरे केस को सॉल्व करते हुए मुख्य आरोपी सहित छह आरोपियों को गिरफ्तार किया. उनके निशानदेही पर सोने-चांदी के जेवरात और पिस्टल बरामद किया.
इस डकैती में लूटे गए सोने-चांदी के जेवरात और अपराधियों को पकड़ा है, जो दुर्दांत अपराधी हैं. हमारे एक भी जवान को खरोंच तक नहीं आया और पिस्टल सहित वह लोग पकड़े गए. अगर थोड़ी भी चुक होती तो हमारे पुलिस के जवान और अधिकारी की जान खतरे में था. लेकिन अपने जान को हथेली पर रखकर पुलिस के जवानों ने साहस का परिचय देते हुए इस पूरे कांड का पर्दाफाश किया है. : रामविचार नेताम, कैबिनेट मंत्री
जवानों ने जान हथेली पर रखकर पकड़े अपराधी : कैबिनेट मंत्री रामविचार नेताम ने मीडिया से बात करते हुए कहा, डकैतों ने रामानुजगंज में दिन-दहाड़े दुस्साहसी काम किया था. दुस्साहस करते हुए दिन में जिस प्रकार से डकैती डाला था, उसको चैलेंज के साथ हमारे पुलिस प्रशासन ने, प्रदेश के शासन ने, हमारी सरकार ने पूरी गंभीरता से लिया. जिस तत्परता के साथ कार्रवाई करने के लिए टीम गठित किया गया, उसके लिए अलग-अलग विशेषज्ञों की टीम बनाकर कई मोर्चे पर छह टीमें बनाकर मॉनिटरिंग किया गया और पल-पल की रिपोर्ट लेते रहे.